आज कल की जिंदगी में बालों की समस्याओं से निपटना हर शख्स के लिए चुनौती बन गई है। समस्याओं में प्रमुख रूप से बाल झड़ना और सफेद बाल शामिल हैं। एक मामला ये भी देखा जा रहा है कि वक्त से पहले बाल सफेद होने लगते हैं। उम्र से पहले बाल सफेद होने के कई कारण हैं। उम्र ढलने के साथ बाल के लिए रंग बदलना सामान्य है। लेकिन सफेद बाल जिंदगी में किसी भी समय जाहिर हो सकते हैं। यहां तक कि किशोर और 20 वर्षीय लोगों में भी सफेद बालों के गुच्छे दिखाई दे सकते हैं। बालों के झड़ने को अधिकतर लोग सामान्य मानकर टाल देते हैं, लेकिन कई बार ये परेशानी आपकी खराब सेहत का भी संकेत हो सकती है।
बालों का झड़ना, सफेद होना या बेजान होने की समस्या का जिक्र हम जब भी करते हैं तो इसे सिर्फ ब्यूटी से जोड़कर देखते हैं। लेकिन कई बार ये समस्याएं हमारी शारीरिक परेशानियों का संकेत भी होती हैं। जिस तरह आपके बीमार होने पर शरीर में कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं, उसी तरह से कभी कभी ये लक्षण आपके बालों पर भी दिखाई दे सकते हैं। यानी बालों की समस्या का संबन्ध कई बार आपकी सेहत से भी हो सकता है। इसलिए हर बार इन संकेतों को सामान्य समझकर न टालें.बालों की केयर करने के लिए हमें कई तरह की चीज़ें करनी होती हैं। हमारे बाल हमारी पर्सनालिटी का एक बहुत बड़ा हिस्सा होते हैं और ऐसे में उनका सही रहना बहुत जरूरी है।
एक तरह से देखा जाए तो बालों की सबसे बड़ी परेशानियों में से एक है डैंड्रफ और हेयर फॉल। सर्दियों के मौसम में तो सूखा डैंड्रफ बहुत ज्यादा परेशान करने लगता है और बदलते हुए मौसम में पसीने से पैदा हुआ गीला डैंड्रफ परेशान करता है।ज्यादातर लोग खूबसूरत और घने बाल चाहते हैं। लेकिन धूप, प्रदूषण और सही देखभाल नहीं करने की वजह से बाल रूखें और बेजान नजर आते हैं। इसके अलावा सही डाइट नहीं लेना भी एक मुख्य कारण है। खासतौर पर मानसून सीजन में बालों से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती है। इस मौसम में झड़ते बालों से महिलाएं और पुरुष दोनों परेशान रहते हैं।
कई लोगों के बाल जरूरत से ज्यादा झड़ने लगते हैं. इसका कारण हमारे द्वारा की गई गलतियां जो हमारे बालों को नुकसान पहुंचाती हैं. लेकिन हमें इसका एहसास नहीं होता है,वही कोरोना संक्रमण से पीड़ित लोगों को इससे ठीक होने के कई महीनों बाद तक लक्षण दिखाई दे रहे हैं। एक अध्ययन के मुताबिक 28 फीसदी लोगों को ठीक होने के बाद भी बाल झड़ने की समस्या से पीड़ित हैं। यह अध्ययन एम्स के वरिष्ठ डॉक्टरों की एक टीम ने कुल कोरोना से ठीक हुए 1801 लोगों पर किया है।
इनमें से 703 मरीजों ने सर्वे में पूरी तरह हिस्सा लिया। अध्ययन के मुताबिक 13 फीसदी लोगों को तीन महीने बाद भी अलग अलग लक्षण बने हुए हैं।टोपी या हैट का इस्तेमाल गर्मी और सर्दी दोनों मौसम में किया जाता है। ज्यादा ठंड या ज्यादा गर्मी से बाल और स्कैल्प को बचाने के लिए लोग टोपी पहनना पसंद करते हैं पर क्या आपको पता है लंबे समय तक टोपी पहनने से आपके बालों को नुकसान पहुंचा सकता है। कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि टोपी को गलत ढंग से पहनने के कारण आप गंजेपन का शिकार हो सकते हैं।