नई दिल्ली। एक तरफ पूरी दुनिया उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षणों को लेकर उसके खिलाफ खड़ी है तो वहीं पाकिस्तान दुनिया में अलग-थलग पड़ने के बाद उत्तर कोरिया के साथ नजदीकिया बढ़ा रहा है। पाकिस्तान ने उत्तर कोरिया के साथ परमाणु मिसाइलों का गठजोड़ कर लिया है। पाकिस्तान के इस फैसले का भारत ने कड़े शब्दों में विरोध करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ से इस संधि पर गौर करने की मांग की है। भारत ने अपना विरोध दर्ज करवाते हुए कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को ऐसी परमाणु संधी को रद्द करने पर विचार करना चाहिए।
भारत के निरस्त्रीकरण मामलों के प्रमुख राजनयिक अमनदीप सिंह गिल ने निरस्त्रीकरण पर महासभा की समिति में भारत का विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उन लोगों के खिलाफ मिलकर खड़े होना चाहिए, जो गुप्त रूप से परमाणु प्रसार में शामिल हैं या उसका लाभ ले रहे हैं। उन्होंने उत्तर कोरिया को लेकर कहा कि भारत परमाणु और मिसाइल प्रौद्योगिकी के बारे में चिंतित है, जिन्होंने पाकिस्तान के साथ हाथ मिलाकर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा कोे खतरे में डाल दिया है। हालांकि उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच में परमाणु बमों को लेकर करार हुआ है, जिसमें परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इसी के साथ गिल ने पांच देशों के उस प्रयास की निंदा की जिसमें ये कहा गया था कि भारत को अपने परमाणु हथियारों का त्याग कर देना चाहिए और एनपीटी पर हस्ताक्षर कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को गैर परमाणु बमों वाले देशों में शामिल करने का प्रश्न ही नहीं उठता है। उन्होंने कहा कि हम भले ही परमाणु बमों का त्याग नहीं करेंगे,लेकिन हम वैक्ष्विक परमाणु के उद्देश्य को कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे।