लखनऊ: बांग्लादेश से चोरी-छिपे देश में घुसपैठ करने वाले रोहिंग्या मुसलमानों के मास्टरमाइंड नूर आलम को एटीएस ने रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। पांच दिनों की रिमांड पर लखनऊ लाए गए मास्टर माइंड ने कई राज उगले हैं।
पूछताछ में उगले राज
एटीएस की पूछताछ में नूर आलम ने बताया कि, लोगों की पहचान छिपाने के लिए आरोपित ने दिल्ली-एनसीआर और यूपी के कई जिलों में फर्जी दफ्तावेज तैयार किए थे। उन दस्तावेज को तैयार करने के लिए आरोपित ने विभाग कर्मचारियों को रिश्वत दी थी। इसके बाद वह रोहिंग्याओं को फर्जी दस्तावेज के सहारे पश्चिम बंगाल में दाखिल कर यूपी में भेजता था। फिर वह पासपोर्ट तैयार कर रोहिग्याओं को खाड़ी देश में भी भेजता था। अब एटीएस रोहिग्याओं की तलाश में जुट चुकी है।
आठ जून को गाजियाबाद से हुई थी गिरफ्तारी
गौरतलब है कि आठ जून को यूपी एटीएस ने गाजियाबाद के डासना इलाके से दो रोहिग्याओं को गिरफ्तार किया था। आरोपित देश में घुसपैठ कर फर्जी दस्तावेजों से रह रहे थे। एटीएस को इनके पास से आधार कार्ड, पैन कार्ड, यूएनएचसीआर कार्ड, मोबाइल समेत 70 हजार की नकदी बरामद हुई थी। कई महीनों से एटीएस आरोपितों की तलाश में तबाड़तोड़ दबिश दे रहे थी।
यूपी एटीएस प्रभारी जीके गोस्वामी ने बताया कि, आरोपित एक साजिश के तहत देश में रोहिग्या मुसलमानों की घुसपैठ कराते थे। आरोपितों ने अपनी पहचान मेरठ निवासी नूर आलम उर्फ रफीक और निवासी आमिर हुसैन के रूप में बताई। दरअसल, छह जनवरी को यूपी एटीएस की टीम ने फर्जी पहचान पत्र के साथ म्यांमार के कुछ नागरिकों गिरफ्तार किया था। इसके बाद लखनऊ में पकड़े गए नागारिकों पर केस दर्ज किया गया था।
इस दौरान एटीएस ने रोहिंग्या मुसलमान अजीजुल्लाह को कस्टडी में लेकर पूछताछ शुरू की थी, जिसमें अजीजुल्लाह ने अपने बहनोई नूर आलम का नाम बताया था। इसके बाद एटीएस टीम आरोपित को पकड़ने के लिए लगातार दबिश दे रही थी।