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नोएडा के स्कूल मालिकों को डीएम सुहास एल वाई का कड़ा संदेश, फीस के लिया परेशान तो जाना पड़ेगा जेल

नोएडा डीएम नोएडा के स्कूल मालिकों को डीएम सुहास एल वाई का कड़ा संदेश, फीस के लिया परेशान तो जाना पड़ेगा जेल

नोएडा। नोएडा जिलाधिकारी महोदय सुहास एल वाई ने ज़िले के सभी स्कूल संचालकों को अप्रैल, मई व जून की फीस माफ करने का आदेश दिया है। अगर किसी भी स्कूल प्रबंधन ने उक्त महीनों की फीस के लिए दबाव बनाया तो स्कूल मालिक व प्रबन्धन को 1 से 2 साल की जेल की जाएगी। कोरोना से निपटने के लिए विशेष तौर पर गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी (डीएम) बनाए गए तेजतर्रार आईएएस सुहास एल. वाई. एक के बाद एक महत्वपूर्ण आदेश जारी कर रहे हैं। 24 घंटे के अंदर ही जारी किए अपने दूसरे आदेश में उन्होंने स्कूल संचालकों/मालिकों को दोटूक चेतावनी दे दी कि किसी बच्चे/अभिभावक से फीस न मांगें। अगर ऐसा करते पाए गए तो मुकदमा दर्ज कराके एक साल के लिए जेल भेज दिए जाएंगे।

नए जिलाधिकारी के इस आदेश ने स्कूल मालिकों के होश उड़ा दिए हैं। दरअसल जिलाधिकारी सुहास एल. वाई ने यह सख्त आदेश यूं ही जारी नहीं कर दिया है। पूर्व डीएम बीएन सिंह के सामने भी अभिभावक इस तरह की समस्या उठाते रहे थे कि लॉकडाउन और कोरोना जैसी महामारी के दौर में भी तमाम स्कूल वाले फीस तुरंत जमा करने को कह रहे हैं। जिला प्रशासन सूत्रों के मुताबिक तब शिकायतों को फाइलों में बंद कर दिया गया था। यह कहकर कि पहले कोरोना कंट्रोल करें या फिर फीस बचवायें! उन शिकायतों के साथ-साथ कुछ नए मामले भी नवनियुक्त डीएम के संज्ञान में लाए गए। मौजूदा डीएम  सुहास को अभिभावकों की परेशानी जायज लगी।

माता-पिता बच्चों के भविष्य के मद्देनजर स्कूल वालों से सीधे मोर्चा लेने से बचते हैं क्योंकि इससे स्कूल प्रबंधन बच्चों और अभिभावकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। इन तमाम बातों को मौजूदा डीएम गौतमबुद्ध नगर ने जब चेक करवाया तो वे सही लगीं। लिहाजा अभिभावकों के सामने निकलकर आने से पहले डीएम ने ही जिले के स्कूल संचालकों को आड़े हाथ ले लिया। शनिवार को डीएम सुहास ने एक सख्त आदेश जारी करके बेलगाम स्कूल मालिकों को बता दिया कि, वे इस मुसीबत में भी अगर बाज नहीं आए, तो परिणाम गंभीर होंगे। आदेश में डीएम ने लिखा है कि कोई भी स्कूल मालिक किसी भी अभिभावक पर फीस देने का जोर-दबाब नहीं डालेगा। अगर ऐसा करते कोई स्कूल मालिक या प्रबंधन पकड़ा गया तो सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहे।

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सख्त कार्रवाई भी कोई आर्थिक दंड या फिर चेतावनी नोटिस तक सिमट कर नहीं रहेगी। आदेश के मुताबिक, आरोपी स्कूल मालिकों के खिलाफ थानों में मुकदमे कायम कराए जाएंगे। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार करके कम के कम एक साल के लिए सीधे सीधे जेल भेज दिया जाएगा। अगर आदेश के उल्लंघन में कहीं लोकक्षति होती मिली तो यह जेल की अवधि बढ़ाकर 2 साल कर दी जाएगी। इस आदेश की प्रतिलिपियां जिले में मौजूद सभी स्कूल मालिकों को भी भिजवा दी गई हैं। ताकि फंसने पर वे यह बहानेबाजी न कर सकें कि उन्हें डीएम के आदेश की जानकारी ही नहीं थी।

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