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लखनऊ के चंदन हॉस्पिटल के खिलाफ जांच के निर्देश, जानिए पूरा मामला

लखनऊ के चंदन हॉस्पिटल के खिलाफ जांच के निर्देश, जानिए पूरा मामला

लखनऊ: राजधानी में कोविड मरीजों के इलाज के लिए अधिक वसूली, इलाज में लापरवाही व अनियमितता बरतने वाले अस्‍पतालों पर नोडल अधिकारी डॉ. रोशन जैकब ने शिकंजा कसा है।

नोडल अधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि, ओवर प्राइसिंग व इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि, प्राप्त शिकायतों के आधार पर स्वयं मेरे द्वारा और डॉक्टर्स व मजिस्ट्रेट की टीमों के द्वारा लगातार निरीक्षण किए जा रहे हैं।

ज्‍यादा वसूली व लापरवाही की शिकायतें

डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि, जांच के आधार पर दोषी पाए जाने वाले अस्‍पतालों पर एफआइआर दर्ज कराने की कार्यवाही भी की गई है। बुधवार को भी कुछ अस्‍पतालों के बारे में अधिक वसूली व लापरवाही के संबंध में कुछ शिकायतें मिली हैं।

मेदांता अस्‍पताल के खिलाफ जांच के निर्देश

उन्‍होंने कहा कि, शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि मेदांता अस्‍पताल की  घोर लापरवाही, अदूरदर्शिता के कारण कोविड मरीज का इलाज आईएलडी नामक बीमारी समझकर करने से मरीज की मौत हो गई। इस प्रकरण की जांच पैंडेमिक पब्लिक ग्रीवांस कमेटी के द्वारा कराते हुए विधिक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।

चंदन हॉस्पिटल के खिलाफ भी जांच के निर्देश

नोडल अधिकारी डॉ. रोशन जैकब ने कहा कि, शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि चंदन हॉस्पिटल द्वारा घोर लापरवाही, अनियमितता और 18 से 20 लाख रुपये कोरोना इलाज के लिए वसूले गए। इसकी जांच भी पैंडेमिक पब्लिक ग्रीवांस कमेटी के द्वारा कराते हुए विधिक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।

नोडल अधिकारी ने बताया कि, वर्तमान में कोविड-19 से प्रभावित मरीजों की संख्या में कमी को देखते हुए कई अस्पतालों ने कोविड के लिए आरक्षित बेड्स की संख्या कम की है। कोविड से ठीक हुए कई मरीज सांस की परेशानी या अन्य पोस्ट कोविड सिमटम्स आधार अस्पताल में भर्ती के लिए कमांड सेंटर से संपर्क करते हैं।

पब्लिक व्‍यू पोर्टल पर डालें बेड्स की संख्‍या

ऐसे में पोस्ट कोविड मरीजों के इलाज के लिए मेडिकल कॉलेजेज एवं निजी अस्पतालों में बेड्स उपलब्ध होना जरूरी है। इसके लिए आवश्यक होगा कि अस्पतालों द्वारा पब्लिक व्यू पोर्टल http://dgmhup.gov.in/EN/covid19bedtrack पर पोस्ट कोविड मरीजों के इलाज के लिए आरक्षित बेड्स का ब्‍यौरा भरा जाये। इससे कि जिला कमांड सेंटर द्वारा ऐसे मरीजों की भर्ती में सहयोग हो पाये।

डॉ. रोशन जैकब ने कहा कि, यह ध्यान रखा जाए कि पोस्ट कोविड बेड्स का वर्गीकरण अस्पताल के कोविड बेड्स कैटेगरी के अन्तर्गत एक सब कैटेगरी के रूप में प्रदर्शित हो। यह भी ध्यान रखा जाए कि पोस्ट कोविड मरीज की परिभाषा में उन व्यक्तियों को रखा जाए, जिनका पिछले दो महीने के अंदर की कोविड धनात्मक होने से संबंधित आरटी-पीसीआर/एंटीजन/एक्सरे/सिटी स्कैन इत्यादि मौजूद हो।

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