कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि ओबीसी के लिए क्रीमीलेयर हटाने के संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं है। केंद्र सरकार ने इंद्र साहनी और अन्य, बनाम भारतीय संघ और अन्य ‘सिविल’ संख्या [930/1990] मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक क्रीमीलेयर की संकल्पना को लागू किया है।
गौरतलब है कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में क्रीमीलेयर के हटाने के संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं है।
बता दें कि सरकार ने ओबीसी वर्ग के उप-वर्गीकरण की जांच के लिए
संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत 2 अक्टूबर, 2017 को एक आयोग का गठन हुआ था।
आयोग 11-10-2017 कार्यान्वित रहा है।
पिछड़े वर्ग को लुभाने के लिए शीतकालिन सत्र में ओबीसी को संवैधानिक दर्जा देगी मोदी सरकार
माना जा रहा है कि पैनल के गठन में कोई देरी नही की गई है।
मालूम हो कि आंध्र प्रदेश,तेलंगाना समेत कुछ अन्य राज्यों
ने ओबीसी आरक्षण कोटा में उप-वर्गीकरण अपनाया है।
ओबीसी आरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध है मोदी सरकार: राजनाथ
केंद्र की सूची में ओबीसी के उप-वर्गीकरण के मसले की जांच के लिए
आयोग राज्यों द्वारा अपनाये गये उप-वर्गीकरण का अध्ययन कर रहा है।
इसकी जानकारी 2 अगस्त को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में
‘सामाजिक न्याय और अधिकारिता’ राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर द्वारा दी गई ।
कि पैनल के गठन में कोई देरी नही की गई है।
मालूम हो कि आंध्र प्रदेश,तेलंगाना समेत कुछ अन्य राज्यों
ने ओबीसी आरक्षण कोटा में उप-वर्गीकरण अपनाया है