कोरोना वारयस की तबाही पूरी दुनिया देख रही है। इंसान हो या जानवर चाहकर भी इस महामारी से नहीं बच पा रहा है। देश हो या दुनिया सभी की हालत एक जैसी है।
इस बीच दुनिया के कुछ देशों से ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं जो आपको सोचने पर मजबूर कर देंगी कि, क्या सच में दुनिया खत्म होने वाली है?
आज हम आपको खाड़ी देशों में फंसे भारतीय मजदूरों की मौत की ऐसी दिल दहला देना वाली कहानी बताने जा रहे हैं। जिसे सुनकर आपका कलेजा कांप जाएगा।
खाड़ी देशों में लगातार कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों की लाशों का ढेर बढ़ता जा रहा है, लेकिन इन भारतीय मजदूरों को कोई अंतिम विदाई तक देने वाला नहीं है।
आपको बता दें, खाड़ी देशों में लाखों विदेशी नौकरी करते हैं। ये लोग इन देशों के अस्पतालों और बैंकों, निर्माण क्षेत्र और कारखानों की रीढ़ हैं। कई लोग अपने परिवारों को आर्थिक मदद उपलब्ध कराने के लिए दशकों से इस उम्मीद के साथ इन देशों में काम कर रहे हैं कि एक दिन वे अपने वतन लौटकर कोई कारोबार शुरू करेंगे या मकान बनाएंगे।
लेकिन कोरोना वायरस महामारी दुनियाभर में ऐसे सपनों को पूरा होने से पहले ही चकनाचूर कर रही है।
इस महामारी से मौत का मतलब है कि शव घर नहीं ले जाया जा सकता, उसका दाह संस्कार या उसे दफनाने की अंतिम क्रिया उसी देश में करनी पड़ रही है जहां संबंधित व्यक्ति की मौत हो रही है।
दक्षिणी दुबई स्थित हिन्दू शवदाह गृह के प्रबंधक ईश्वर कुमार ने कहा, शव के साथ अब कोई नहीं आता, कोई उसे छूता तक नहीं है, कोई उसे अंतिम विदाई तक देने के लिए नहीं आता।’
ऐसे में शवों का अंतिम संस्कार एक बड़ी चुनौती है क्योंकि महामारी से मरनेवाले व्यक्ति का तुरंत दाह संस्कार या उसे सुपुर्द ए खाक करने की तत्काल आवश्यकता होती है। ऐसे में कई ऐसे शव आते हैं जिनके साथ कोई नहीं होता है।
ये नजारा वाकई में दिल तोड़ने वाला होता है। आपको बता दें खाड़ी देशों में बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात जैसे बड़े देश आते हैं जहां पर दुनिया भर से लोग काम करने जाते हैं।
कोरोना वायरस के चलते काफी लोग इन देशों में फंस गये हैं। ऐसे में जिन लोगों की कोरोना वायरस के चलते मौत हो रही है। उन्हें कोई अंतिम विदाई देने वाला तक नसीब नहीं हो रहा है।