नई दिल्ली। राष्ट्रपति ंचुनाव को लेकर चल रहा एक बड़ा गतिरोध आखिरकार आज जेडीयू की बैठक के बाद खत्म हो गया है। विपक्ष की पक रही बिरयानी में पहले मुलायम ने खाने से मना किया अब नीतीश कुमार ने भी एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविंद के नाम पर मुहर लगा दी है। इसके पहले भी मीडिया में लगातार रामनाथ कोविंद को लेकर जेडीयू के समर्थन की बात कही जा रही थी। हांलाकि बिहार में सरकार के साथ गठबंधन में कांग्रेस और राजद भी मौजूद है।
मुलायम के बाद नीतीश ने दिया समर्थन
राजद और कांग्रेस ने एक सिरे से एनडीए के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद के नाम का नकार दिया है। कांग्रेस विपक्ष के उम्मीदवार को लेकर 22 तारीख को अपना फैसला सुनाएगी। लेकिन इसके पहले कल लखनऊ में पीएम मोदी के सम्मान में दिए गये भोज में मुलायम सिंह यादव ने आकर शिरकत करते हुए कहा कि एनडीए की उम्मीवार रामनाथ कोविंद से बेहतर कोई अन्य इस पद के लिए नहीं हो सकता है। हांलाकि नीतीश कुमार ने इसके पहले ही कुछ संकेत दिए थे, जिसके बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि नीतीश कुमार और जेडीयू एनडीए के प्रत्याशी कोविंद के समर्थन में जा सकते हैं। जिस दिन बीजेपी अध्यक्ष ने बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति के लिए अपना उम्मीदवार बताया उसके बाद सबसे पहले नीतीश कुमार ने जाकर रामनाथ कोविंद को मुबारकबाद दी थी।
जेडीयू के समर्थन के बाद बिहार में गहराया राजनीति संकट
इसके पहले भी नीतीश कुमार ने विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एक जुटता दिखाने के लिए हुई टी पार्टी से किनारा कर लिया था। लेकिन वहीं पीएम मोदी के भोज पर नीतीश कुमार शामिल हुए थे। इसके बाद चर्चाओं का बाजार गरम हो गया था। लेकिन नीतीश ने ंसफाई देते हुए गठबंधन के साथ रहने की बात कही थी। बिहार में लालू और नीतीश के बीच पड़ रही दरार को लेकर कई बार बातें सामने आती रही हैं। इसके साथ ही कई बार कई मौकों पर नीतीश और लालू की खट्टास सामने आती रही है। कांग्रेस और राजद ने एनडीए के प्रत्याशी का समर्थन ना करने का फैसला किया है। ऐसे में बिहार सरकार में जेडीयू के साथ राजद और कांग्रेस भी मौजूद हैं।
अब जेडीयू ने एनडीए के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को लेकर फैसला किया है कि उसका ही चयन किया जायेगा। रामनाथ कोविंद के नाम पर आज हुई जेडीयू की मीटिंग में जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने साफ किया अब देखा जाये तो रामनाथ कोविंद के पास बहुमत से ज्यादा वोट होते दिख रहे हैं। ऐसे में ये साफ है के नीतीश का पाला बदलना कांग्रेस और राजद के लिए अब आने वाले दिनों में बड़ा संकट ला सकता है।