‘नीतीश कुमार ने टेबल पर मुक्का मारा और बोले मैं बनूंगा एक दिन बिहार का मुख्यमंत्री, BY HOOK OR CROOK’… ये दिलचस्प वाकया है,
पटना। ‘नीतीश कुमार ने टेबल पर मुक्का मारा और बोले मैं बनूंगा एक दिन बिहार का मुख्यमंत्री, BY HOOK OR CROOK’… ये दिलचस्प वाकया है, पटना के उस कॉफी बोर्ड का जिसे लोग पटना कॉफी हाउस के नाम से भी जानते हैं। दरअसल, सत्तर के दशक में डाकबंगला चौराहा पर भारत सरकार के उपक्रम के तौर पर कॉफी बोर्ड का कार्यालय खुला था। उस वक्त कॉफी हाउस का महत्व इसी से समझा जा सकता है कि बिहार के साहित्य जगत से लेकर राजनीति के तमाम दिग्गज यहां पहुंचते थे, और न सिर्फ कॉफी का आनंद लेते थे बल्कि देश और दुनिया के साहित्य से लेकर राजनीति की तमाम चर्चाएं कॉफी बोर्ड में होती थी।
दरअसल, कॉफी हाउस की कई ऐसी कहानियां हैं जिसे आज भी वहां बैठने वाले लोग बताते हैं तो अतीत की यादों में खो जाते हैं। ऐसा ही दिलचस्प वाकया बताया बिहार के वरिष्ठ और देश के जाने-माने पत्रकार सुरेंद्र किशोर ने सुरेंद्र किशोर सत्तर के दशक में सोशलिस्ट विचारधारा से प्रभावित हो राजनीति में थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के प्राइवेट सेक्रेटरी भी रह चुके थे।
सुरेंद्र किशोर बताते हैं कि आए दिन की तरह कॉफी हाउस में बैठे हुए थे, नीतीश कुमार भी तब छात्र नेता के तौर पर तेजी से उभर रहे थे. लेकिन 1977 में हुए विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की हार हो गई थी। इस वजह से वे परेशान भी थे। इसी परेशानी के बीच नीतीश कुमार उनके सामने बैठे थे और इसी बीच कॉफी टेबल पर आ गई। दोनों कॉफी पी रहे थे। तभी तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की चर्चा छिड़ गई। चर्चा हो रही थी कि जिस उम्मीद से वे मुख्यमंत्री बने थे वो पूरी नहीं हो पा रही थीं।