बिहार की आपदा राशि में कटौती के कारण केन्द्र सरकार से खफा चल रहे नीतीश कुमार ने अपने सहयोगीयों से दिल का दर्द साधा करते हुए कहा कि केन्द्र ने 7600 करोड़ की राशि की मांग पर 1700 करोड़ की राशि दी है। बाद में प्रधानमंत्री द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किए जाने पर बिहार सरकार को अंतिम राशि 1200 करोड़ रुपए ही मिली है। जानकारी के मुताबित CM नीतीश कुमार प्रधानमंत्री की बाढ़ के समय की प्रतिकिया से बेहद खुश थे। लेकिन प्रधानमंत्री द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने पर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 500 करोड़ की कटौती कर अंतिम स्वीकृति पर नीतीश की नाराजगी मन के अंदर है।
इस विषय पर नीतीश ने इस विभाग से संबंधित मंत्रियों और अपने सहयोगियों से कई बार नाराजगी जाहिर की है। नीतीश कुमार ने इस विषय पर केन्द्र से मांग की 50 प्रतिशत राशि मिलने की उम्मीद की थी। उनका अनुमान था, कि राज्य को नुकसान की भरपाई के लिए मांग की 50 प्रतिशत राशि मिल जाएगी। लेकिन नीतीश कुमार को इस बात का अंदाजा है कि प्रधानमंत्री द्वारा इस विषय पर विशेष ध्यान न दिए जाने के कारण केंद्रीय गृह मंत्रालय से 20 प्रतिशत राशि को ही स्वीकृति मिली।
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नीतीश सरकार में भारतीय जनता पार्टी के मंत्रियों का कहना है कि बिहार के आपदा पीडितों के लिए केन्द्र की विशेष रुचि के कारण केंद्रीय टीम जल्दी आयी और उसकी रिपोर्ट के अनुसार मानकों को ध्यान में रखकर बिहार को अब तक की सबसे अधिक केंद्रीय सहायता राशि मुहैया कराई है। BJP के मंत्रियों का कहना है कि ऐसा बहुत कम होता है कि राज्य की मांग को केन्द्र में बैठी सरकार ने पूरा मान लिया हो।
राज्य सरकार का कहना है कि प्रत्येक व्यक्ति अपने बचाव में कुछ तर्क ढूंढ़ लेता है। लेकिन सच्चाई यही है कि केन्द्र ने बिहार सरकार द्वारा 22 करोड़ से अधिक प्रभावित परिवारों के लिए 6 हजार प्रत्येक परिवार को नगद राशि दी थी।
आपको बता दें कि पिछले साल बिहार में 500 से अधिक लोगों की मौत बाढ़ के कारण हो गई थी। 19 जिलों में डेढ़ करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए थे।