बिहार। आए दिन देश में घोटाले होते रहते हैं। सरकार द्वारा इन घोटालों का पर्दाफाश करने की मुहिम भी चलाई जाती है, लेकिन कुछ नतीजा निकल नहीं आता है। एक को पकड़ते हैं तो दूसरा घोटाला उससे पहले तैयार मिलता है। यह हसलसिला बहुत पुराना है। आज कोई नई बात नहीं है। सरकार चाहे किसी की भी घोटालों में कोई कमी नहीं बाती है। यह सब देखकर ऐसा लगता है कि आज के समय में हर कोई भ्रष्ट हो चुका है। क्योंकि जिस को भी देखो बस अपनी जेब भरने में लगा हुआ है। इसी बीच अब बिहार में भ्रष्टाचार मिटाने की नीतीश सरकार ने नई मुहिम की शुरुआत की है। नीतीश कुमार के शासन काल में पारदर्शिता लाने और उसे भ्रष्टाचार से मुक्त रखने के लिए अधिकारियों से लेकर मंत्रियों और यहां तक की मुख्यमंत्री द्वारा भी सार्वजनिक रूप से अपनी संपत्ति की घोषणा की परंपरा रही है और इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए बिहार सरकार ने अपने सभी IPS अधिकारियों को सम्पूर्ण अचल संपत्ति का विवरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
IPS अधिकारियों को को देना होगा 2020 की सम्पति का विवरण-
बता दें कि गृह विभाग की ओर से जारी निर्देश के अनुसार बिहार संवर्ग के IPS अधिकारियों को 2020 की सम्पति का विवरण 1 जनवरी 2021 से लेकर 31 जनवरी 2021 के बीच विहित प्रपत्र में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। यह प्रपत्र गृह विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। गृह विभाग के अवर सचिव गिरीश मोहन ठाकुर की ओर से इस संबंध में बिहार संवर्ग के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों से कहा गया है कि पंचांग वर्ष 2020 जो 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है इस बीच स्थिति पर आधारित अचल संपत्ति विवरण का एक जनवरी 2021 से 31 जनवरी 2021 तक की अवधि में स्पैरो के माध्यम से ऑनलाइन समर्पण सुनिश्चित करें। ऐसा नही करने पर पूरे साल आपका निगरानी स्वच्छता बाधित रहेगी उसकी एक प्रति गृह विभाग को उपलब्ध कराने को कहा गया है।