नई दिल्ली। भारत में 100 से ज्यादा ऐसे पुल हैं, जो इतनी खतरनाथ हालत में हैं कि कभी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं। इनकी हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि ये कभी भी जमान में समा सकते हैं। गुरूवार को केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने खुद लोकसभा में ये जानकारी दी। उन्होंने सदन में बताया कि इन कुछ पुल ऐसे हैं जिनका निर्माण सौ साल पहले हुआ था और अब तक इनकी मरम्मत तक नहीं हुई है। गडकरी ने बताया कि देशभर के 1.6 लाख पुलों की जांच की गई है। इनमें से 147 पुल और टनल खरतनाक स्थिति में हैं। इतना ही नहीं गडकरी ने कहा कि इन पुलों की हालत ऐसी है कि वो कभी भी गिर सकते हैं।
बता दें कि गडकरी ने पिछले साल महाराष्ट्र के कोंकण इलाके में सावित्री नदी पर बने पुल के गिरने से हुए हादसे का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि ब्रिटिश काल में बना वह पुल गिरने से बड़ा हादसा हुआ था। इस हादसे में दो बसें बह गई थीं, जबकि कई दूसरे वाहन भी पानी की रफ्तार के साथ बह गए थे। नितिन गडकरी ने बताया कि उनके मंत्रालय ने पिछले साल एक स्पेशप प्रोजेक्ट शुरू किया था। जिसके तहत सभी बड़े-छोटे पुलों का निरीक्षण किया गया और डेटा इकट्ठा किया। गडकरी ने ये भी बताया कि जमीन अधिग्रहण और दूसरी परेशानियों के चलते करीब 3.85 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट अधर में लटके हुए हैं।