लखनऊ: कोरोना के खतरे को देखते हुए बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों की परीक्षा रद्द किए जाने की मांग उठ रही थी। इसी को देखते हुए पहले सीबीएसई बोर्ड, फिर यूपी बोर्ड और अब एनआईओएस बोर्ड ने भी परीक्षाओं को रद्द कर दिया है। बोर्ड की तरफ से कहा गया है कि 12वीं के छात्रों की सभी लिखित और प्रायोगिक परीक्षाएं अब नहीं होंगी, एक अलग मूल्यांकन के आधार पर छात्रों को प्रमोट कर दिया जाएगा।
6000 से अधिक परीक्षार्थियों को फायदा
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान में 6268 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। इन सभी को अब अगली कक्षा में बिना परीक्षा के प्रमोट किया जाएगा। मूल्यांकन के नियम भी जल्द ही संस्थान द्वारा तैयार कर लिए जाएंगे, जिसके बाद उन्हें इसी के आधार पर आगे की कक्षा में बढ़ाया जाएगा। एनआईओएस का क्षेत्रीय कार्यालय प्रयागराज में है, यहां प्रदेश के कई जिलों के विद्यार्थी अपना पंजीकरण करवाते हैं। इनमें ड्रॉपआउट या तय समय से प्रवेश न पाने वाले सभी शिक्षार्थी शामिल होते हैं।
मूल्यांकन से संतुष्ट नहीं तो दें परीक्षा
बोर्ड की तरफ से यह भी कहा गया कि मूल्यांकन के सभी नियम तैयार किए जा रहे हैं, जिनके आधार पर छात्रों को प्रमोट किया जाएगा। अगर किसी भी छात्र को मूल्यांकन के नियम से संतुष्टि नहीं है, तो वह परीक्षा में शामिल हो सकता है। परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों का अंतिम परिणाम इसी के आधार पर निर्धारित किया जाएगा।
बता दें कि लगातार पूरे देश के अलग-अलग बोर्ड से परीक्षाओं को रद्द किए जाने की खबरें आ रही हैं। छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। लगातार विपक्ष और अभिभावकों की तरफ से बच्चों की परीक्षा ना कराए जाने की अपील की जा रही थी, इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने उनके हित में फैसला किया है।