नई दिल्ली। किसान आंदोलन का आज 50वां दिन है। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा कानून पर रोक लगाने के बावजूद किसान आंदोलन खत्म करने के लिए राजी नहीं हैं। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने साफ कह दिया है कि जब तक कानून वापसी नहीं तब तक घर वापसी नहीं। आपको बता दें कि दिल्ली से सटी सीमाओं पर किसान अभी भी डटे हुए हैं। कृषि कानून को लेकर किसान और सरकार के बीच गतिरोध जारी है। इस बीच किसानों और सरकार के बीच 9वें दौर की होने वाली बैठक को लेकर स्थिति साफ हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, 15 जनवरी किसानों और सरकार के बीच बैठक होगी।
दरअसल, किसान आंदोलन खत्म करने के लिए 8 जनवरी को सरकार और किसानों के बीच हुई आठवें दौर की बैठक में ये तय हुआ था कि अगली दौर की बातचीत 15 जनवरी को होगी।
इसके बाद 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन और कृषि कानूनों को लेकर फैसला सुनाया। इस फैसले में कोर्ट ने तीन नए कृषि कानूनों के पहल पर रोक लगा दी। साथ ही गतिरोध को खत्म करने के लिए चार सदस्यों की एक कमेटी गठित की।
भूपिन्दर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का आभार व्यक्त किया-
बता दें कि 81 वर्षीय भूपिन्दर सिंह मान का सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित पैनल में नाम शामिल किए जाने के बाद किसान संगठनों में भी विवाद हो गया था। जिसके चलते एक बयान जारी कर मान ने कहा कि केन्द्र सरकार की तरफ से लाए गए तीन कृषि कानूनों पर किसान संगठनों के साथ बातचीत शुरू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया की तरफ से मुझे नॉमिनेट करने के लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं।
किसानों के हितों के साथ समझौता नहीं कर सकता हूं- भूपिंदर सिंह
इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि खुद को एक किसान और संगठन नेता के तौर पर किसान संगठनों और आम लोगों में धारणाओं को देखते हुए मैं अपने उस ऑफर को त्याग करने को तैयार हूं जो मुझे दिया गया है। क्योंकि पंजाब और देश के किसानों के हितों के साथ समझौता नहीं कर सकता हूं। मैं पैनल से अपने आपको हटाता हूं और हमेशा किसानों और पंजाब के साथ खड़ा रहूंगा।