अजमेर। 9 साल पहले अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन दरगाह पर ब्लास्ट हुआ था जिसमें 3 लोगों की जान चली गई थी और 15 लोग घायल हो गए थे। ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि इस केस पर आज जयपुर की नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी की स्पेशल कोर्ट फैसला सुनाएगी लेकिन अब इस केस पर कोर्ट ने सुनवाई टाल दी है और अब कोर्ट इस पर 8 मार्च को फैसला सुनाएगी।
इस केस में आरएसएस से 13 हिंदू संगठनों के लोग इस मामले में आरोपी है। जिनमें स्वामी असीमानंद, देवेंद्र गुप्ता, चंद्रशेखर लेवे, मुकेश वासनानी, लोकेश शर्मा, हर्षद भारत, मोहन रातिश्वर, संदीप डांगे, रामचंद कलसारा, भवेश पटेल, सुरेश नायर और मेहुल के नाम शामिल है। हालांकि एक आरोपी सुनील जोशी की हत्या हो चुकी है जबिक दो आरोपी संदीप डांगे और रामचंज कलसारा अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
11 अक्टूबर को हुआ था दरगाह में ब्लास्ट:-
11 अक्टूबर की शाम को करीबन 6:15 पर अजमेर दरगाह में ब्लास्ट हुआ था जिसमें तीन लोगों की मौत और 15 घायल हुए थे। इस मामले में 184 लोगों के बयान दर्ज किए गए थे जिसमें 26 अहम गवाह अपने बयान से मुकर गए थे।
कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में कहा गया है कि आरोपियों ने 2002 में अमरनाथ यात्रा और रघुनाथ मंदिर पर हुए हमले का बदला लेने के लिए अजमेर की दरगाह और हैदराबाद की मक्का मस्जिद में धमाके की साजिश रची थी। बता दें कि पुलिस ने धमाके की जगह से 2 सिम कार्ड और एक मोबाइल बरामद किया था। ये सिम झारखंड और पश्चिम बंगाल से खरीदे गए थे।