नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने अपने अधिकारियों को आदेश दिया है कि ऐसे हाईवे जहां पर टोल वसूला जाता है उन्हें पूरी तरह से मेंटेन रखा जाए। अगर ऐसा नहीं किया गया तो टोल को आधा कर दिया जाएगा। प्राधिकरण ने ये आदेश मद्रास हाईकोर्ट के कुछ दिनों पहले दिए फैसले मुदैर-विरुधूनगर का टोल रखरखाव में कमी के कारण आधा करने के निर्देश के आधार पर दिया है। टोल आधा करने को लेकर केंद्रीय परिवहन और हाईवे सचिव युद्धवीर सिंह मलीक ने बताया कि हम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं इसलिए हमने कोर्ट के निर्देशानुसार ये आदेश दिया है, ताकि कोर्ट के फैसले की अवेलहना न होने पाए।
उन्होंने कहा कि प्राधिकरण हर साल सड़कों के रखरखाव के लिए नियम बना रहा हैं, जिसकी जवाबदेही सुनिश्चित करना जरूरी है। प्राधिकरण ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा है कि उन्होंने अधिकारियों के लिए निर्देश जारी किया है, जिसके मुताबिक हाइवे का रखरखाव न होने पर टोल चार्ज कम किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, ऐसे विरले ही मामले हैं जब एनएचएआई ने कोर्ट के आदेश को चुनौती नहीं दी है।
एनएचएआई यह संदेश देना चाहती है कि टोल बेहतर सर्विस मुहैया कराने के लिए दिया जाता है। एनएचएआई ने यह निर्णय रोड यूजर्स के लिए है कॉन्ट्रैक्टर्स के लिए नहीं। सितंबर 2015 में एनएचएआई ने दिल्ली-जयपुर एनएच-8 पर टोल वृद्धि को टीओआई की खबर के बाद वापस ले लिया था। टीओआई ने अपनी खबर में बताया था कि गुड़गांव-जयपुर स्ट्रेच पर गड्डों के बावजूद टोल बढ़ाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी एक टिप्पणी में यह कहा था कि खराब हालत वाली सड़कों पर टोल नहीं लगाया जाना चाहिए।