नई दिल्ली। देश के अलग-अलग हिस्सों में रोज प्रदूषण का असर बढ़ता ही जा रहा है। प्रदूषण की वजह से लोगों को गंभीर बीमारियों से जूझना पड़ रहा है। यह प्रदूषण हमारे शरीर को खोखला करने में लगा हुआ है। सर्दी के मौसम आते ही प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो जाती है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इस बार 7 नवंबर से 30 नवंबर तक पटाखों पर बैन लगाने की याचिका का फैसला फिलहाल सुरक्षित रख लिया है। जिसके चलते एनजीटी ने सभी राज्यों को कल तक अपनी रिपोर्ट मांगी है। प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज शाम 4 बजे एक बैठक कर रहे हैं।
कोर्ट ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के वक़ील को फटकारा-
बता दें कि कोर्ट ने कहा कि जिन राज्यों में हवा Moderate स्तर पर है, वहाँ पटाखे जलाये जा सकते हैं लेकिन जहाँ पर हवा POOR CATEGORY में हैं, वहाँ पर हम पटाखों को बैन करने को लेकर सुनवाई कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। आज भी राजधानी के व्यस्ततम इलाकों में शामिल आईटीओ, कॉमनेल्थ गेम्स और प्रगति मैदान के आसपास सुबह भारी स्मॉग देखा गया। विशेषज्ञों के अनुसार, बेहद खराब श्रेणी का वायु प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहा है। खासकर अस्थमा और पहले से ही अन्य बीमारियों से परेशान लोगों के लिए यह बेहद चिंता का विषय है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के वक़ील ने एनजीटी में कहा कि अभी तक ऐसा कोई स्टडी नहीं है जिससे ये साफ़ हो सके कि पटाखों को जलाने से कोविड के मामले बढ़ेंगे। इस पर कोर्ट ने वकील को फटकारते हुए कहा कि क्या आपको पर्यावरण कानूनों की जानकारी है? अगर है तो आपको पता होगा कि किसी भी चीज़ को लागू करने के लिए स्टडी रिपोर्ट की जरूरत होती है, न कि किसी भी चीज़ पर बैन लगाने के लिए स्टडी की जरूरत होती।
असम ने मांगी पटाखे जलाने की इजाज़त-
इस बीच, दिल्ली सरकार आज शाम 4 बजे एक मीटिंग कर रही है। मीटिंग में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए और कदम उठाए जाने पर फैसला हो सकता है। दिल्ली सरकार इस बैठक में लिए गए फैसलों पर एक रिपोर्ट कल कोर्ट में दाख़िल करेगी। उधर, असम ने कहा कि हमारे यह पराली जलाने की समस्या नहीं है। इसलिए हमारे यहाँ हवा साफ़ है, हमें पटाखे जलाने की इजाज़त दी जाए।