श्री कृष्ण जन्मस्थान-ईदगाह प्रकरण की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी. ईदगाह सहित 13.37 एकड़ जमीन का स्वामित्व श्री कृष्ण विराजमान को देने के लिए और ईदगाह हटाने के लिए याचिका दायर की गई है. जिसकी सुनवाई बुधवार को होनी थी.
इस याचिका में सुन्नी वक्फ बोर्ड, ईदगाह और श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को पार्टी बनाया गया है. 1968 में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और ईदगाह के मध्य हुए समझौते को गलत करार दिया गया है. पिछले दिनों इस मामले में माथुर चतुर्वेद परिषद और अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा ने भी पक्षकार बनने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था. माथुर चतुर्वेद परिषद ने इस मामले से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराए जाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया. इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अगली तारीख 10 दिसंबर निर्धारित की है.
30 सितंबर को खारिज हुई थी याचिका
श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में 25 सितंबर को याचिका दायर की गई थी. अदालत के छुट्टी पर होने के कारण इसे उनकी लिंक कोर्ट अपर जिला जज/एफटीसी द्वितीय छाया शर्मा की अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया. अदालत ने 30 सितंबर को इस पर सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया था.