देहरादून। विधानसभा चुनावों से पहले राज्य की लोगों को तोहफा देने की कड़ी में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पूर्व उपनल कर्मचारियों को सौगत दी है। मुख्यमंत्री ने आउटसोर्सिंग के माध्यम से 7 साल के बाद करने वाले उपनल कर्मचारियों को संविदा पर करने की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद पूर्व उपनल कर्मचारी काफी खुश हैं। इस दौरान हरीश रावत ने जनता को संबोधित करते हुए कहा, ‘अगर हमारा ये मॉडल सफल रहता है तो देशभर के करोड़ों नौजवानों के लिए यह एक सकारात्मक दिशा में काम होगा।
दूसरे राज्यों द्वारा हमसे इस बाबत पूछा भी जा रहा है। उपनल कर्मियों सहित सभी आउटसोर्सिंग वालों को धैर्य रखना चाहिए। तमाम तरह की बाधाओं के कारण धीरे धीरे ही सब काम हो सकते हैं। हम प्रोजेक्ट कर्मियों की समस्या पर भी विचार कर रहे हैं। अपने बेरोजगार नौजवानों के लिए भी बेहतर अवसर बनाने के प्रयास कर रहे हैं। आउटसोर्सिंग कर्मियों में बड़ी संख्या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की है जिसे कि मृत संवर्ग माना जा चुका है। इनके लिए भी रास्ता निकालना है। रास्ते सभी के लिए निकलेंगे बस धैर्य रखना होगा।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि हम सभी समस्याएं समझते है। हम भी चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी अनिश्चितता समाप्त हो। आप सभी को भी अपनी उपयोगिता साबित करते हुए दूसरों से बेहतर परिणाम देना होगा। मुख्यमंत्री रावत ने उपनलकर्मियों पर सभी मुकदमों को वापिस लेने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बदलते समय व परिस्थितियों में हमें अपनी ताकत से उत्तराखण्ड को आगे बढ़ाना है।
राज्य कर्मचारियों के लिए सातवां वेतन आयोग लागू किया गया। अब हमें तय करना है कि हमारी विकास की मंजिल कहां हो और इस मंजिल तक सभी को मिलकर जाना है। इसके लिए कर्मचारियों का आचरण काम करने वाला होना चाहिए। कार्यक्रम में उपनल कर्मचारी महासंघ के संरक्षक रवि पचैरी, अध्यक्ष भावेश जगूड़ी, महेश भट्ट, कुशाग्र जोशी, युवा कल्याण के उपाध्यक्ष सुशील राठी, मुख्यमंत्री के सलाहकार राजीव जैन सहित बड़ी संख्या में उपनलकर्मी मौजूद थे।