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नई दिल्ली- बजट सार : अंतरिम बजट 2019-20 की मुख्‍य बातें

pm modi नई दिल्ली- बजट सार : अंतरिम बजट 2019-20 की मुख्‍य बातें

नई दिल्ली। अंतरिम बजट 2019-20 संसद में पेश, बजट में किसानों के लिए बड़ी योजना तथा आयकर में बड़ी राहत वित्‍त मंत्री ने कहा कि इस बजट को देश को प्रगतिशील मार्ग पर आगे बढ़ाने के एक माध्‍यम के रूप में देखा जाएगा पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार ने औसत मुद्रास्‍फीति को 4.6 प्रतिशत के निम्‍न स्‍तर पर बनाए रखा है, यह किसी भी पिछली सरकार की मुद्रास्‍फीति दर से कम है। केंद्रीय वित्‍त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज संसद में अंतरिम बजट 2019-20 पेश किया। इस बजट में किसानों के लिए एक बड़ी योजना तथा आयकर प्रदाताओं के लिए बड़ी राहत की बात कही गई है। इसके अलावा इसमें आने वाले वर्षों के लिए विकास एजेंडा का भी उल्‍लेख है।

pm modi नई दिल्ली- बजट सार : अंतरिम बजट 2019-20 की मुख्‍य बातें

अंतरिम बजट 2019-20 की मुख्‍य बातें हैं – प्रत्‍यक्ष आय सहायता के साथ 12 करोड़ छोटे व सीमांत किसानों के लिए एक बड़ी योजना, असंगठित क्षेत्र के 10 करोड़ कामगारों के लिए पेंशन योजना, 5 लाख वार्षिक तक की आमदनी के लिए आयकर में छूट, स्‍टैम्‍प ड्यूटी में सुधार,रक्षा के लिए अब तक का सबसे अधिक 3 लाख करोड़ रुपये का आवंटन, पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के लिए 58,166 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड आवंटन, हरियाणा के लिए एक नया एम्‍स,विदेशी फिल्‍म निर्माताओं के समान भारतीय फिल्‍म निर्माताओं को भी एकल खिड़की सुविधा, अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों समेत कमजोर वर्गों एवं शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, ढांचागत सुविधाओं के लिए बजट आवंटन में बढ़ोत्‍तरी, 1.5 करोड़ मछुआरों के लिए मत्‍स्‍य पालन को एक पृथक विभाग बनाना आदि।

वृहत योजना

छोटे और सीमांत किसानों को निश्चित आय सहायता उपलब्‍ध कराने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि (पीएम-किसान) की शुरूआत की है। श्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस योजना के तहत 2 हेक्‍टेयर तक भूमि की जोत वाले किसान परिवारों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष की दर से प्रत्‍यक्ष आय सहायता उपलब्‍ध कराई जाएगी।

अंतरिम बजट 2019-20 को पेश करते हुए केंद्रीय वित्‍त,कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमारी सरकार पीएम-किसान नाम से एक ऐतिहासिक योजना लॉन्‍च कर रही है। इसके लिए बजट में 75 हजार करोड़ रुपये (वित्‍त वर्ष 2019-20 के लिए) तथा 20 हजार करोड़ रुपये (वित्‍त वर्ष 2018-19 का संशोधित अनुमान) के आवंटन का प्रावधान किया गया है।

भारत सरकार द्वारा वित्‍त पोषित इस योजना में 12 करोड़ छोटे और सीमांत किसान परिवारों को 2,000 रुपये प्रत्‍येक तीन समान किस्‍तों में सीधे उनके बैंक खातें में भेजा जाएगा। इस कार्यक्रम को दिसंबर, 2018 से प्रभावी माना जाएगा और इस अवधि की पहली किस्‍त का भुगतान 31 मार्च, 2019 तक कर दिया जाएगा।

मत्स्‍य पालन क्षेत्र के विकास के बारे में सतत ध्‍यान केंद्रित करने के लिए सरकार ने अलग से मत्स्‍य पालन विभाग का सृजन करने का निर्णय लिया है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि इस प्रयास के माध्‍यम से सरकार इस क्षेत्र पर निर्भर लगभग 1.45 करोड़ लोगों की आजीविका को बढ़ावा देने के लिए 7 प्रतिशत से अधिक वृद्धि करना चाहती है।

वित्‍त मंत्री ये यह घोषणा की कि किसान क्रेडिट कार्ड के माध्‍यम से ऋण लेकर पशुपालन और मत्स्‍य पालन की गतिविधियां कर रहे किसानों के लिए 2 प्रतिशत ब्‍याज छूट का लाभ किया जाएगा। इसके अलावा ऋण का समय पर पुनर्भुगतान करने पर उन्‍हें 3 प्रतिशत अतिरिक्‍त ब्‍याज छूट भी दी जाएगी।

इस वर्ष में ही राष्‍ट्रीय गोकुल मिशन के लिए आवंटन 750 करोड़ रुपये किया गया है। राष्‍ट्रीय कामधेनू आयोग की स्‍थापना की घोषणा की गई है। इससे गाय संसाधनों का सतत अनुवांशिक उन्‍नयन करने और गायों का उत्‍पादन और उत्‍पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह आयोग गायों के लिए कानूनों और कल्‍याण योजना को प्रभावी रूप से लागू का काम भी देखेगा।

असंगठित क्षेत्र के कम से कम 10 करोड़ श्रमिकों और कामगारों को पेंशन संबंधी लाभ उपलब्‍ध कराने के लिएप्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन नामक नई योजना की घोषणा की गई है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि अगले पांच वर्षों के अंदर यह योजना दुनिया की सबसे बड़ी पेंशन योजनाओं में से एक बन जाएगी। इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई। श्री गोयल ने कहा कि जरूरत पड़ने पर अतिरिक्‍त धनराशि भी प्रदान की जाएगी। इस योजना को चालू वर्ष से ही लागू किया जाएगा।

कर लाभ

5 लाख रुपये तक की सालाना कर योग्‍य आमदनी वाले व्‍यक्तिगत करदाताओं को अब कोई आयकर नहीं देना होगा। जिन लोगों की कुल आमदनी 6.50 लाख रुपये तक है, उन्‍हें भी किसी प्रकार के आयकर के भुगतान की जरूरत नहीं पड़ेगी, यदि वे भविष्‍य निधि, विशेष बचतों, बीमा आदि में निवेश कर लेते हैं। साथ ही 2 लाख रुपये तक के आवास ऋण के ब्‍याज, शिक्षा ऋण पर ब्‍याज, राष्‍ट्रीय पेंशन योजना में योगदान, चिकित्‍सा बीमा, वरिष्‍ठ नागरिकों की चिकित्‍सा पर होने वाले खर्च आदि जैसी अतिरिक्‍त कटौतियों के साथ उच्‍च आय वाले व्‍यक्तियों को भी कोई कर नहीं देना होगा। इससे स्‍व-नियोजित, लघु व्‍यवसाय, लघु व्‍यापारियों, वेतनभोगियों, पेंशनरों और वरिष्‍ठ नागरिकों सहित मध्‍यम वर्ग के करीब 3 करोड़ करदाताओं को करों में 18,500 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा।

वेतनभोगियों के लिए मानक कटौती की राशि को मौजूदा 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये की जा रही है। इससे 3 करोड़ से अधिक वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों को 4,700 करोड़ रुपये का अतिरिक्‍त कर लाभ प्राप्‍त होगा।

अपने कब्‍जे वाले किसी दूसरे घर पर सांकेतिक किराए पर आयकर पर छूट का अब प्रस्‍ताव किया गया है। फिलहाल ऐसे सांकेतिक किराए पर आयकर का भुगतान करना होता है, यदि किसी के पास अपने कब्‍जे में एक से अधिक घर हो।

बैंक/डाकघर बचतों पर अर्जित ब्‍याज के स्रोत पर कर कटौती को बढ़ाकर 10,000 रुपये से 40,000 रुपये किया जा रहा है।

छोटे करदाताओं को राहत देने के उद्देश्‍य से किराए पर कर कटौती के लिए टीडीएस को 1,80,000 रुपये से बढ़ाकर 2,40,000 रुपये करने का प्रस्‍ताव किया गया है।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि सरकार घर खरीदने वाले पर जीएसटी के बोझ को कम करना चाहती है और इसी के अनुसार इस विषय पर जल्‍द से जल्‍द विचार करने और सुझाव देने के लिए जीएसटी परिषद ने मंत्रियों के एक समूह को नियुक्‍त करने की पहल की थी।

श्री गोयल ने कहा कि जल्‍द ही 90 प्रतिशत से अधिक जीएसटी, भुगतान करने वाले कारोबारियों को तिमाही रिटर्न दाखिल करने की अनुमति होगी।

मुद्रास्‍फीति

वित्‍त मंत्री ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में सरकार औसत महंगाई दर को 4.6 प्रतिशत तक नीचे लाने में सफल रही है, जो किसी अन्‍य सरकार के कार्यकाल के दौरान महंगाई दर की तुलना में कम है। वस्‍तुत: दिसम्‍बर 2018 में महंगाई दर 2.19 प्रतिशत तक नीचे आ गई थी। श्री गोयल ने कहा कि यदि हमने महंगाई पर नियंत्रण नहीं किया होता तो हमारे परिवारों को खाद्य यात्रा, उपभोक्‍ता वस्‍तुओं, आवास आदि जैसी मूलभूत जरूरतों पर 35-40 प्रतिशत अधिक खर्च करना पड़ता। उन्‍होंने कहा कि वर्ष 2009-2014 के दौरान 5 वर्षों में औसत महंगाई दर 10.1 प्रतिशत के स्‍तर पर थी।

राजकोषीय घाटा

वित्‍त्‍ मंत्री ने कहा कि वर्ष 2018-19 के संशोधित अनुमान में राजकोषीय घाटे को 3.4 प्रतिशत तक नीचे लाया गया, जो 7 वर्ष पहले लगभग 6 प्रतिशत था। उन्‍होंने कहा कि चालू खाता घाटा इस वर्ष सकल घरेलू उत्‍पाद के केवल 2.5 प्रतिशत रहने की संभावना है, जबकि 6 वर्ष पहले यह 5.6 प्रतिशत था। श्री गोयल ने कहा, ‘’हमने राजकोषीय घाटे को नियंत्रित किया, जबकि केंद्रीय करों में राज्‍यों की हिस्‍सेदारी 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने की सिफारिश वित्‍त आयोग ने की थी, जिसे हमने सहकारी संघवाद की सच्‍ची भावना के साथ स्‍वीकार किया और उसके परिणामस्‍वरूप राज्‍यों को अधिक धन दिया गया।‘’

वृद्धि और प्रत्‍यक्ष विदेश निवेश

वित्‍त मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान अगली पीढ़ी के लिए अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण ढांचागत सुधारों की एक श्रृंखला में शामिल वस्‍तु और सेवाकर (जीएसटी) की प्रस्‍तुति और अन्‍य कर सुधारों के बाद आने वाले दशकों में उच्‍च वृद्धि के मानक तय कर दिये गये हैं।

उन्‍होंने कहा कि देश पिछले पांच वर्षों के दौरान अपनी सर्वश्रेष्‍ठ वृहद आर्थिक स्थिरता के दौर का साक्षी रहा है। उन्‍होंने कहा कि 1991 से प्रारंभ हुए आर्थिक सुधारों के बाद से किसी भी सरकार के द्वारा हासिल की गई आर्थिक वृद्धि के मामले में पिछले पांच वर्षों में उच्‍चतम वार्षिक औसत सकल घरेलू उत्‍पाद वृद्धि के साथ हम दुनिया में एक तेजी के साथ उभरती हुई प्रमुख अर्थव्‍यवस्‍था बन चुके हैं। वित्‍त मंत्री ने अपने बजट संबोधन में कहा कि वर्ष 2013-14 में 11वीं सबसे बड़ी अर्थ्‍व्‍यवस्‍था से अब हम विश्‍व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बन चुके हैं।

श्री गोयल ने कहा कि स्थिर और अनुमान योग्‍य नियामक शासन, बढ़ती हुई अर्थव्‍यवस्‍था एवं मजबूत बुनियादी आधारों के कारण भारत पिछले पांच वर्षों के दौरान प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश के रूप में 239 बिलियन डॉलर की व्‍यापक धनराशि को आकर्षित करने में सक्षम रहा है।

प्रमुख योजनाओं के लिए आवंटनों में वृद्धि

2019-20 के बजट अनुमानों के लिए मनरेगा हेतु 60,000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा करते हुए वित्‍त मंत्री ने कहा कि यदि आवश्‍यकता हुई तो अतिरिक्‍त आवंटन किया जायेगा।

उन्‍होंने कहा कि वित्‍त वर्ष 2018-19 के 15,500 करोड़ रुपये की तुलना में 2019-20 के बजट अनुमानों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के लिए 19,000 करोड़ रुपये आवंटित किये जा रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि वर्ष 2014-18 की अवधि के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.53 करोड़ आवासों का निर्माण किया गया।

मार्च 2019 तक सभी परिवारों को बिजली के कनेक्‍शन भी प्रदान किये जायेंगे। उन्‍होंने कहा कि अब तक एक मिशन मोड के तहत 143 करोड़ एलईडी बल्‍ब प्रदान किये गये हैं, जिसके परिणामस्‍वरूप गरीब और मध्‍यम वर्ग को 50,000 करोड़ की बचत हुई है। उन्‍होंने कहा कि देश में करीब 50 करोड़ लोगों को चिकित्‍सा उपचार प्रदान करने के लिए विश्‍व के सबसे बड़े स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल कार्यक्रम, आयुष्‍मान भारत के अंतर्गत करीब 10 लाख रोगी नि:शुल्‍क चिकित्‍सा के माध्‍यम से लाभांवित हो चुके हैं और इस चिकित्‍सा उपचार की लागत करीब 3,000 करोड़ रुपये होगी। लाखों गरीबों और मध्‍यम वर्ग के लोग प्रधानमंत्री जन औषधि केन्‍द्रों के माध्‍यम से किफायती मूल्‍यों पर आवश्‍यक दवा, ह्दय के स्‍टेंट और घुटने के प्रत्‍यारोपण के खर्च में कमी के साथ-साथ औषधियों की आसान उपलब्‍धता से भी लाभांवित हुए हैं।

श्री गोयल ने बताया कि वर्ष 2014 में 21 एम्‍स संस्‍थानों की घोषणा के बाद से देश में 14 एम्‍स संस्‍थान या तो संचालित हैं अथवा स्‍थापित किए जा रहे हैं। उन्‍होंने हरियाणा में एक नये -22वें एम्‍स संस्‍थान की स्‍थापना की भी घोषणा की।

समेकित बाल विकास योजना के लिए आवंटन को 2018-19 के संशोधित अनुमान के 23,357 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2019-20 के बजटीय अनुमान में 27,584 करोड़ रुपये किया जा रहा है।

अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्‍याण के लिए आवंटन में महत्‍वपूर्ण वृद्धि का प्रस्‍ताव किया गया है। अनुसूचित जाति के लिए 2018-19 के बजट अनुमान में 56,619 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, बाद में संशोधित अनुमान में इसे बढ़ाकर 62,474 करोड़ रुपये किया गया। वर्ष 2019-20 के बजट अनुमान में इसे बढ़ाकर 76,801 करोड़ रुपये किया जा रहा है, जो 2018-19 के बजट अनुमान की तुलना में 35.6 प्रतिशत वृद्धि दर्शाता है। अनुसूचित जनजातियों के लिए भी वर्ष 2019-20 के बजटीय अनुमान में यह धनराशि 39,135 करोड़ रुपये थी, जो 28 प्रतिशत वृद्धि दर्शाता है।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि पहुंच से वंचित गैर-अधिसूचित, घुमंतू और अर्ध-घुमंतू समुदायों के लाभ के लिए सामाजिक न्‍यास एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत विशेष रणनीतियां तैयार करने के लिए एक कल्‍याण विकास बोर्ड का गठन किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि नीति आयोग के तहत एक समिति भी गठित की जाएगी, जो गैर-अधिसूचित, घुमंतू एवं अर्ध-घुमंतू समुदायों की पहचान के कार्य को पूरा करेगी।

श्री गोयल ने कहा कि उज्‍जवला योजना के तहत 8 करोड़ मुफ्त एलपीजी कनेक्‍शन देने का लक्ष्‍य था। इसमें 6 करोड़ से अधिक कनेक्‍शन दिए जा चुके हैं और बकाया मुफ्त कनेक्‍शन भी अगले वर्ष तक दे दिये जायेंगे।

वित्‍त मंत्री ने यह घोषणा की कि नेशनल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी पोर्टल को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर राष्‍ट्रीय कार्यक्रम के एक हिस्‍से के रूप में जल्‍दी ही विकसित किया जाएगा।

औद्योगिकी नीति और संवर्धन विभाग को अब उद्योग और आंतरिक व्‍यापार संवर्धन विभाग का नया नाम दिया जाएगा।

वित्‍त मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि देश का रक्षा बजट पहली बार तीन लाख करोड़ से अधिक है।

वित्‍त मंत्री श्री पीयूष गोयल ने बताया कि पिछले 5 वर्षों के दौरान घरेलू विमान यात्रियों की संख्‍या दोगुनी हुई है। इससे बड़ी संख्‍या में रोजगार सृजि‍त किए जा रहे हैं। संचालित हवाई अड्डों की संख्‍या 100 से अधिक हो गई है। सिक्किम में पेकयोंग हवाई अड्डा शुरू हो गया है। अरूणाचल प्रदेश अभी हाल में हवाई यातायात मानचित्र पर आया है और मेघालय, त्रिपुरा तथा मिजोरम पहली बार देश के रेल मानचित्र पर आए हैं।

भारतीय रेल के लिए बजट में 64,587 करोड़ रुपये (2019-2020 बजट अनुमान) के पूंजीगत सहयोग का प्रस्‍ताव किया गया है। रेल का कुल पूंजीगत परिव्‍यय कार्यक्रम 1,58,685 करोड़ रुपये का है। वित्‍त और रेल मंत्री ने घोषणा की कि परिचालन अनुपात 2017-18 के 98.4 प्रतिशत से बढ़कर 2018-19 (संशोधित अनुमान) में 96.2 प्रतिशत और 2019-20 (बजट अनुमान) में 95 प्रतिशत होने का अनुमान जताया गया है।

पिछले पांच वर्षों में भारत की स्‍थापित सौर ऊर्जा उत्‍पादन क्षमता 10 गुनी बढ़ी है। श्री गोयल ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के संदर्भ में हमारी प्रतिबद्धता अंतरराष्‍ट्रीय सौर गठबंधन के गठन से परिलक्षित होती है। यह पहला संधि आधारित अंतर-सरकारी संगठन है जिसका मुख्‍यालय भारत में है। उन्‍होंने कहा कि इस क्षेत्र में रोजगार के लाखों अवसरों का सृजन हो रहा है।

वित्‍त मंत्री ने घोषणा की कि बड़ी संख्‍या में रोजगार देने वाले मनोरंजन उद्योग में नियामकीय प्रावधान अब स्‍व-घोषणाओं पर कहीं अधिक निर्भर करेंगे। मनोरंजन उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से फिल्‍मों की शूटिंग सुनिश्चित करने के लिए एकल खिड़की मंजूर की सुविधा भारतीय फिल्‍म निर्माताओं को भी दी जाएगी, जो केवल विदेशी फिल्‍म निर्माताओं को ही उपलब्‍ध है। उन्‍होंने कहा, ‘हम पायरेसी की समस्‍या को नियंत्रित करने के लिए सिनेमेटोग्राफ अधिनियम में एंटी-कैमकॉर्डिंग प्रावधानों को भी शामिल करेंगे।‘

श्री गोयल ने कहा, ‘हम अगले पांच वर्षों में पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनने की ओर अग्रसर हैं और इसके बाद अगले आठ वर्षों में दस ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनने की आकांक्षा रखते हैं’। उन्‍होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में प्रत्‍यक्ष करों के संग्रह में 18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और कर आधार भी बढ़ गया है, क्‍योंकि वित्‍त वर्ष 2017-18 में पहली बार 1.06 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किए हैं, जो मुख्‍यत: विमुद्रीकरण के कारण संभव हुआ है।

श्री गोयल ने कहा कि हम वित्‍तीय प्रतिभूतियों के लेन-देन पर लगाए और ए‍कत्रित किए गए स्‍टाम्‍प शुल्‍क में सुधार करेंगे। वित्‍त विधेयक के जरिए इसमें आवश्‍यक संशोधन करने का प्रस्‍ताव है। एक लेन-देन से संबंधित एक लिखित पर स्‍टाम्‍प ड्यूटी लगाई जाएगी और स्‍टॉक एक्‍सचेंजों के माध्‍यम से एक ही स्‍थान पर एकत्रित की जाएगी। उन्‍होंने कहा कि इस प्रकार एकत्रित किए गए शुल्‍क को क्रेता ग्राहक के अधिवास के आधार पर राज्‍य सरकारों के साथ निर्बाध रूप से साझा किया जाएगा।

कुल मिलाकर समग्र व्‍यय वर्ष 2018-19 के संधोधित अनुमान के 24,57,235 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2019-20 के बजट अनुमान में 27,84,200 करोड़ रुपये के स्‍तर पर पहुंच जाएगा। इसमें 3,26,965 करोड़ रुपये अथवा लगभग 13.30 प्रतिशत की वृद्धि होगी। यह महंगाई की कम दर को देखते हुए अपेक्षाकृत ज्‍यादा वृद्धि को दर्शाता है। वर्ष 2019-20 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

वित्‍त मंत्री ने इस ओर ध्‍यान दिलाया कि राजकोषीय घाटा समेकन कार्यक्रम के पूरा हो जाने के बाद सरकार अब ऋण समेकन पर फोकस करेगी। उन्‍होंने कहा, ‘हमने राजकोषीय घाटे के 3 प्रतिशत के अपने लक्ष्‍य की ओर अग्रसर होना बरकरार रखा है, जिसे वर्ष 2020-21 तक हासिल किया जाएगा। वर्ष 2017-18 में भारत का ऋण – जीडीपी अनुपात 46.5 प्रतिशत था। एफआरबीएम अधिनियम में यह उल्‍लेख किया गया है कि भारत सरकार के ऋण – जीडीपी अनुपात को वर्ष 2024-25 तक घटाकर 40 प्रतिशत के स्‍तर पर लाया जाना चाहिए।‘ श्री गोयल ने कहा, ‘राजकोषीय घाटा समेकन कार्यक्रमके पूरा होने के साथ ही हम अब ऋण समेकन पर फोकस करेंगे।

atish नई दिल्ली- बजट सार : अंतरिम बजट 2019-20 की मुख्‍य बातें अतीश दीपंकर

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