मेरठ। भारत में इन दिनों तीन तलाक का मुद्दा काफी गर्माया हुआ है। पुरूषों के तीन बार तलाक कह देने से मुस्लिम महिलाएं तलाकशुदा हो जाती है। इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट भी अपनी चिंता जाहिर कर चुका है। इसी बीच मेरठ में तीन तलाक का मामला तो सामने आया है लेकिन इस बार किसी पुरूष ने नहीं एक महिला ने तीन बार तलाक कहकर रिश्ते को खत्म कर लिया है।
दरअसल ये पूरा मामला मेरठ के खरखौंदा इलाके की दो बहने एक ही दिन 28 मार्च 2012 को दो सगे भाइयों से शादी हुई थी। शादी के बाद से इनको दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। 5 साल में तीन बार दहेज प्रताड़ना और कोर्ट-कचहरी के बाद सामाजिक समझौते के जरिये इनके शौहर इन्हें वापिस अपने साथ ले गये। आठ महीने पहले छोटी बहन की पिटाई के बाद उसके शौहर ने उसे तलाक दे दिया। अपने देवर की इस हरकत का बड़ी बहिन ने विरोध किया तो उसके शौहर ने उसकी बुरी तरह से पिटाई की।
इतना ही नहीं, शौहर की शह पर इस दिव्यांग महिला के साथ उसके छोटे देवर ने बलात्कार भी किया। इस दौरान उसके साथ हुई पिटाई के में उसका मिसकैरेज भी हो गया था। दोनों बहनें अपने परिजनों के साथ आईजी मेरठ जोन अजय आनंद से मिलीं और पुलिस के कारनामें उनके सामने रखे। पीड़ितों ने आईजी से इंसाफ की फरियाद की। आरोपियों पर क्या कार्रवाई होती है यह तो न्याय प्रक्रिया पर निर्भर है पर अपने शौहर को तीन तलाक देकर मुस्लिम महिला ने तलाक के मुद्दे पर को एक नया मोड़ दे दिया है।
शानू भारती, संवाददाता