नेपाल में सियासी घमासान देखने को मिल रहा है। जिसकी वजह से नेपाल के प्रधान मंत्री केपी ओली शर्मा खूब सुर्खियां बटोर रहे रहे हैं। हालाकि उनकी कुर्सी बचाने के लिए चीन भी कई दांव खेल रहा है। लेकिन हालातों के बदलते ही अब नेपाल के पीएम के सुर बदल गये हैं।
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सियासी घमासान को अंदरूनी मामला बताया है। राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम ओली ने कहा कि किसी भी पार्टी में चर्चाएं, सलाह और असहमति उसका अंदरूनी मामला है और यह नेताओं के बीच बातचीत से सुलझेगा। इसके लिए धैर्य और संयम रखने की जरूरत है।
ओली और दहल ने मंगलवार को चर्चा में फैसला किया कि बुधवार को स्टैंडिंग कमिटी की बैठक की जाएगी लेकिन बैठ
क को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया। पार्टी के सूत्र इसे दोनों नेताओं के बीच बातचीत की विफलता के तौर पर देखते हैं। सोमवार को दोनों नेताओं ने एक के बाद एक 6 बैठकें कीं। बावजूद उसके कोई ठोस नतीजा निकलता नहीं दिख रहा है।
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जिसकी वजह से ओली सेना का सहारा ले सकते हैं। बहुत जल्द ही नेपाल की सियासत का राजा कौन बना रहेगा इसका फैसला होने वाला है।