नेपाल की तरफ से दिनों-दिन भारत विरोधी हरकतें बढ़ती जा रही हैं। जिसकी वजह से भारत और नेपाल के रिश्ते खराब हो रहे हैं। नेपाल भारत पर दबाब सिर्फ चीन की वजह से बना रहा है। अभी कुछ दिन पहले ही नेपाल ने भारत के तीन हिस्सों के अपना बताते हुए नया नक्शा बनाया और फिर कानून भी पास करा लिया। जिसका विरोध भारत ने किया है। इस बीच नेपाल की तरफ से एक और घटिया हरकत को अंजाम दिया गया है। जिसे जानकर आपका खून खोल जाएगा।
नेपाल सरकार ने पूर्वी चम्पारण के ढाका अनुमंडल में लाल बकेया नदी पर बन रहे तटबंध के पुर्निर्माण कार्य को रोक दिया है। बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि नेपाल गंडक बांध के लिए मरम्मत कार्य की अनुमति नहीं दे रहा है। जबकि ललबकेया नदी ‘नो मैंस लैंड’ का हिस्सा है। इसके अलावा नेपाल ने कई अन्य स्थानों पर मरम्मत का काम रोक दिया है। पहली बार हम लोग ऐसी समस्या का सामना कर रहे हैं। हम मरम्मत कार्य के लिए सामग्री तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं।
संजय झा ने आगे कहा कि अगर हमारे इंजीनियरों के पास बाढ़ से लड़ने वाली सामग्री नहीं पहुंचेगी तो बांध की मरम्मत का काम प्रभावित होगा, अगर नेपाल में भारी वर्षा के कारण गंडक नदी का जल स्तर बढ़ता है तो यह एक गंभीर समस्या पैदा कर देगा।
आपको बता दे, गंडक बैराज के 36 द्वार हैं, जिनमें से 18 नेपाल में हैं। भारत के हिस्से में पहले से 17वें फाटक तक के बांध की हर साल की तरह इस साल भी मरम्मत की जा चुकी है। वहीं नेपाल के हिस्से में पड़ने वाले 18वें से लेकर 36वें फाटक तक बने बांध की मरम्मत नहीं हो सकी है। नेपाल बांध मरम्मत के लिए सामग्री ले जाने नहीं दे रहा है। नेपाल उस क्षेत्र में अवरोध डाल दिए हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है।
नेपाल अगर अपनी हरकत से बाज नहीं आया तो बिहार में बाढ़ की स्थिति और भी भयंकर रूप ले सकती है। नेपाल अच्छे से जानता है कि, वो क्या कर रहा है और इसका भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा। लेकिन फिर भी वो मानने को तैयार नहीं है। नेपाल की इस घटिया हरकत पर भारत एक्शन ले सकता है। क्योंकि ये मामाल जनता की सुरक्षा का है।