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भूषण स्‍टील लिमिटेड के पूर्व प्रमोटर एवं प्रबंध निदेशक नीरज सिंघल को ‘एसएफआईओ’ ने किया गिरफ्तार

नीरज सिंघल भूषण स्‍टील लिमिटेड के पूर्व प्रमोटर एवं प्रबंध निदेशक नीरज सिंघल को ‘एसएफआईओ’ ने किया गिरफ्तार

एसएफआईओ (गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय) ने भूषण स्‍टील लिमिटेड के पूर्व प्रमोटर एवं प्रबंध निदेशक नीरज सिंघल को 9 अगस्त को गिरफ्तार किया है। आपको बता दें कि सिंघल को सक्षम क्षेत्राधिकार की अदालत में पेश किया गया है।गौरतलब है कि सिंघल को और 14 अगस्‍त, 2018 तक न्‍यायिक हिरासत में भेजा है।मालूम हो कि भूषण स्‍टील लिमिटेड ‘बीएसएल’ और इस समूह की अनेक कंपनियों के मामलों की जांच के संबंध में एसएफआईओ ने सिंघल को गिरफ्तार किया गया।

 

नीरज सिंघल भूषण स्‍टील लिमिटेड के पूर्व प्रमोटर एवं प्रबंध निदेशक नीरज सिंघल को ‘एसएफआईओ’ ने किया गिरफ्तार
भूषण स्‍टील लिमिटेड के पूर्व प्रमोटर एवं प्रबंध निदेशक नीरज सिंघल को ‘एसएफआईओ’ ने किया गिरफ्तार

 

सीएम रावत ने साउथ एशिया FM लिमिटेड के कार्यालय से रेड FM 93.5 रेडियो चैनल का शुभारम्भ किया।

विभिन्‍न स्रोतों से प्राप्‍त शिकायतों के आधार पर कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने यह जांच एसएफआईओ को सौंप दी थी

बताते चलें कि विभिन्‍न स्रोतों से प्राप्‍त शिकायतों के आधार पर कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने यह जांच एसएफआईओ को सौंप दी थी।कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 212 (8) के तहत यह गिरफ्तारी की गई है। उपलब्‍ध संबंधित सामग्री से पता चला है कि नीरज सिंघल को गंभीर कॉरपोरेट धोखाधड़ी में संलग्‍न होने का दोषी पाया गया है। जो कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 447 के तहत दंडनीय है।

बीएसएल के तत्‍कालीन प्रबंधन द्वारा ली गई हजारों करोड़ रुपये की राशि का कहीं और उपयोग किया है

जांच दल को अपनी जांच के दौरान यह पता चला है कि बीएसएल के पूर्ववर्ती प्रमोटरों ने अपनी कई सहायक कंपनियों का उपयोग करके सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से बीएसएल के तत्‍कालीन प्रबंधन द्वारा ली गई हजारों करोड़ रुपये की राशि का कहीं और उपयोग किया है।राशि का उपयोग करने के लिए सिंघल ने कई तरह के जटिल एवं धोखाधड़ी वाले रास्‍ते अपनाए थे।

बीएसएल के पूर्व प्रमोटरों और निदेशकों ने अब तक जांच के दौरान सहयोग नहीं किया है

सिंघल द्वारा राशि का गलत ढ़ग से प्रयोग करने से  बैंकों और इन कंपनियों के निवेशकों को अनुचित ढंग से नुकसान हुआ है।बीएसएल के पूर्व प्रमोटरों और निदेशकों ने अब तक जांच के दौरान सहयोग नहीं किया है। जांच दल के समक्ष पेश न होने के अलावा कई तथ्‍यों को छिपाया भी गया।दिवाला संबंधी समाधान के बाद बीएसएल का स्‍वामित्‍व एवं नियंत्रण टाटा समूह को सौंप दिया गया है। मामले से संबंधित जांच अभी भी जारी है।

महेश कुमार यदुवंशी

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