- संवाददाता, भारत खबर
नई दिल्ली। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट कांडला, गुजरात में एक प्राथमिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। पांच दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत 10 जून, 2019 को हुई है। कार्यक्रम का उद्देश्य सीबीआरएन आपात स्थितियों के संदर्भ में पोर्ट आपात प्रबंधकर्ताओं (एसईएच) में जागरूकता बढ़ाना और उनकी तैयारियों को बेहतर बनाना है।
श्रृंखला का यह चौथा कार्यक्रम है। पूरे देश के बंदरगाहों पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जो एसईएच को आपात स्थितियों से निपटने में सक्षम बनाएंगे। इसी वर्ष तीन एसईएच टीमों को मंगलौर, कोच्चि और नवी मुंबई में प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।
पोर्ट पर बड़ी मात्रा में रासायनिक, पेट्रो रसायन और अन्य सीबीआरएन तत्वों के आगमन, भंडारण तथा परिवहन के कारण सीबीआरएन (रसायनिक, जैविक, रेडियाधर्मी और नाभिकीय) संकट का खतरा बना रहता है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को इंडियन पोर्ट एसोसिएशन (आईपीए), नाभिकीय औषधि एवं सम्बद्ध विज्ञान संस्थान (आईएनएमएएस) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। एसईएच की क्षमता वृद्धि से पोर्ट पर सीबीआरएन सुरक्षा की स्थिति बेहतर होगी।
इस कार्यक्रम में व्याख्यान और व्यावहारिक प्रशिक्षण शमिल हैं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में संदिग्ध पदार्थ को ढूंढने और इसे निष्क्रिय करने के कार्य को लाइव प्रदर्शित किया जा रहा है। व्यक्तिगत संरक्षा उपकरण (पीपीई) के उपयोग के संबंध में भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त मॉक अभ्यास भी अयोजित किए जा रहे हैं। सीबीआरएन आपात स्थितियों के दौरान एसईएच को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने तथा मनोवैज्ञानिक-सामाजिक सहयोग का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (बीएआरसी) तथा रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के विशेषज्ञ प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न एजेंसियों के 50 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान अन्य 200 कार्यरत पोर्ट कर्मियों को इस विषय के बारे में जानकारी दी जाएगी।