भारत की सेना को इस समय 400 से भी ज्यादा तोपें मिलने जा रही हैं। रक्षा मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट में तेजी लाने के साथ जल्द ही 2019 के ख़त्म होने से पहले भारतीय सेना में शामिल होने की बात कही है।गौरतलब है कि इसमें आधुनिक और अच्छी क्षमता की तोपों को शामिल किया गया हैं।इन तोपों को भारत-पाकिस्तान और चीन की सीमा पर तैनात किया जाएगा।आपको बता दें कि ये हर मौसम में काम करने वाली तोपें हैं। जिन्हें अत्यधिक ऊंचाई से लेकर रेगिस्तान या फिर पहाड़ से लेकर बर्फीले पहाड़ों पर तैनात किया जाएगा।
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सभी तोपें मेक इन इंडिया के तहत तैयार की जा रही हैं
खास बता है कि भारतीय सेना में शामिल हो रही सभी तोपें मेक इन इंडिया के तहत तैयार की जा रही हैं। भारतीय सेना को 145 तोपों को मिलने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा गया है।मई 2018 में धनुष 155/45 कैलिबर वाली तोप का यूजर ट्रायल पोखरण में हो चुका है।आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड को कहा गया है कि 114 तोपों को जल्द तैयार करके भारतीय सेना को मुहैया कराए।
साउथ कोरिया तैयार करके 100 की संख्या में भारतीय सेना को देगा
के-9 वज्र 155 एमएम /52 कैलिबर की होवित्जर तोप है। इसे साउथ कोरिया तैयार करके 100 की संख्या में भारतीय सेना को देगा।इसीलिए मेक इन इंडिया के तहत एलएनटी कंपनी पार्टनरशिप के तहत 2019 नवंबर तक इसे तैयार करके देगी।पहली 10 तोप नवंबर 2018 तक आनी है। इसके बाद 40 तोप 2019 के नवंबर महीने तक और उसके बाद 2020 तक भारतीय सेना को मिल जाएंगी।
हल्के वजन वाले 145 होवित्जर तोपों M777 के सौदे के बाद दो तोप भारत आ चुकी हैं
अमेरिका के साथ काफी हल्के वजन वाले 145 होवित्जर तोपों M777 के सौदे के बाद दो तोप भारत आ चुकी हैं।वहीं 2019 के मार्च से लेकर 2021 के जून के बीच हर महीने 5-5 तोपें आएंगी। अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोपों को भारत में चीन की सीमा के निकट और अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा।
भारत फोर्स के साथ मिलकर इसे तैयार किया जा रहा है
एटीएजीएस डीआरडीओ द्वारा तैयार की जा रही आर्टिलरी गन है। भारत फोर्स के साथ मिलकर इसे तैयार किया जा रहा है। इसकी रेंज 45 किलोमीटर है और एक जगह से दूसरे जगह आसानी से ले जाया सकता है।रक्षा मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट में तेजी लाने के साथ जल्द ही 2019 के ख़त्म होने से पहले भारतीय सेना में शामिल होने की बात कही है।