झारखण्ड। झारखण्ड के सिमडेगा में पुलिस और मुठभेड़ का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे पढ़ने के बाद किसी भी शख्स की रूह कांप जाएगी। दरअसल यहां पर देर रात 12 बजे पीएलएफआई नक्सलियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें बानो थाना इंचार्ज विद्यापति सिंह और एक सिपाही तुराम बिरूली शहीद हो गए। जबकि कई पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहे हैं।
नक्सलियों ने दिया झांसा
इस पूरे वाक्या में एक बात समझने वाली है कि आखिरकार नक्सलियों ने पूरी वारदात को अंजाम कैसे दिया। जब नक्सलियों की पुलिस के साथ मुठभेड़ हो रही थी उस समय नक्सलियों ने घुटने टेकने का नाटक करके पुलिस की आंखों में धूल झोंककर जवानों पर गोलियां बरसा दी। बताया जा रहा है कि मौके पर 8 नक्सली थी, जिन्होंने घुटने टेंकने का नाटक किया।
घटना की जानकारी मिलते ही एसपी राजीव रंजन मौके पर पहुंचे। वहां से दोनों शहीदों के शव सदर हॉस्पिटल सिमडेगा लाए गए। जो सिपाही अस्पताल में भर्ती है उसके कानों पर गोली लगी है। हालांकि वो अभी खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं।
घर में छिप कर बैठे थे नक्सली
मुठभेड़ में घायल सिपाही लौरिक सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जैसे ही उन्हें खबर लगी कि नक्सली एक घर को अड्डा बनाकर छिपे हुए है तब उन्होंने घर को चारों ओर से घेर लिया। “नक्सलियों को जैसे ही इसकी भनक लगी, वे सतर्क हो गए। हमने उन्हें हथियार के साथ सरेंडर करने को कहा।” “नक्सली हाथ उठाकर बाहर निकले। लेकिन अचानक उनमें से एक ने एके-47 राइफल से गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। जब तक कोई कुछ समझ पाता सभी लोग फरार हो गए।