पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन ने पनामागेट मामले में जांच कर रही संयुक्त जांच टीम (जेआईटी ) की रिपोर्ट खारिज़ करने की धमकी दी है। इससे देश में राजनीतिक उथल-पुथल की आशंका पैदा हो गई है। यह जानकारी सोमवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली है। पीएमएल-एन के शीर्ष नेतृत्व ने स्पष्ट किया कि अगर कतर के पूर्व प्रधानमंत्री हम्माद बिन जसीम अल थानी के बयान को रिपोर्ट का हिस्सा नहीं बनाया गया तो सत्तारूढ़ पार्टी, जेआईटी की रिपोर्ट को स्वीकार नहीं करेगी।
शरीफ के करीबी माने जाने वाले चार संघीय मंत्रियों ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन कर जेआईटी के कामकाज पर सवाल खड़े किए थे। सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ के परिवार के खिलाफ लंदन में मौजूद संपत्तियों की जांच के लिए मई महीने में संयुक्त जांच दल (जेआईटी) का गठन किया था। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, रेल मंत्री ख्वाजा साद रफीक, पेट्रोलियम मंत्री शाहिद खाकान अब्बासी और योजना एवं विकास मंत्री अहसन इकबाल ने संयुक्त बयान में कहा, ‘कतरी शहजादा के बयान के बिना जेआईटी रिपोर्ट से समझौता करना होगा और इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा’
आपको बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पनामा गेट मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई जांच कमिटि के सामने पेश हुए थे। ऐसे में वह पहले प्रधानमंत्री हैं जो प्रधानमंत्री के पद पर बैठने के बाद भी पैनल के सामने पेश हुए हैं। नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने न्यायिक अकादमी रवाना होने से पहले ट्वीट के जरिए एक फोटो शेयर किया था। इस फोटो को शेयर करते वक्त उन्होंने लिखा था कि इतिहास रच दिया गया है और स्वागत योग्य उदाहरण कायम किया है। वही JIT (संयुक्त जांच दल) प्रमुख वाजिद जिया ने नवाज शरीफ से जुड़े सभी दस्तावेज के साथ 6 सदस्यीय दल के सामने पेश होने के लिए तलब किया गया था। नवाज शरीफ ने पेशी होने से पहले अपने करीबियों के साथ संबंधित मामले में विचार विमर्श किया था।