आज से नवरात्रि की शुरूआत हो चुकी है। और आज ही के दिन से हिंदू नववर्ष या नए संवत्सर की शुरूआत होती है। जहां पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म में नवरात्रि मनाने का खास महत्व होता है। इन 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजी की जाती है। और कई श्रद्धालु 9 दिन का व्रत भी रखते हैं।
मां शैलपुत्री की पूजा करने के विशेष लाभ
बता दें कि पर्वतराज हिमालय के घर पर पुत्री के रूप में उत्पन्न होने के कारण मां दुर्गा का नाम शैलपुत्री पड़ा। कहते हैं कि मां शैलपुत्री की पूजा करने से जीवन में स्थिरता और दृढ़ता आती है। खासतौर पर महिलाओं को मां शैलपुत्री की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। उनकी पारिवारिक स्थिति, दांपत्य जीवन और बीमारियां मां शैलपुत्री की कृपा से दूर होती हैं।
कैसे करें पूजा ?
पहले दिन मां शैलपुत्री की प्रतिमा को पटरे पर या वस्त्र बिछाकर वहां स्थापित करें। दरअसल मां शैलपुत्री को सफेद वस्तु अति प्रिय है इसलिए उनको सफेद वस्त्र या सफेद फूल चढ़ाएं और सफेद मिठाई का भोग लगाएं। मां शैलपुत्री की आराधना से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है।
इन बातों का भी रखें ध्यान
नवरात्रि के दौरान दाढ़ी-मूंछ, बालों और नाखूनों को नहीं कटवाना चाहिए।
काले कपड़े पहनकर मां दुर्गा की पूजा न करें।
व्रत रखने वाले लोगों को जूते-बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
व्रत रखने वालों को नवरात्रि के दौरान दिन में नहीं सोना चाहिए।
व्रत खोलने के लिए सिंघाडे का आटा, सेंधा नमक, आलू, मेवा, मूंगफली आदि का सेवन करें।