नई दिल्ली। चैत्र नवरात्र शुरू हो चुके हैं और हर तरफ लोग मां की भक्ती में लीन हैं हर कोई मां की भक्ती में लीन होना चाहता हैं और व्रत रखना चाहता हैं ऐसे में गर्भवती महिलाओं की भी इच्छा होती हैं। कि वो मां के लिए व्रत रखे पर गर्भवती होनी की वजह से उन्हें व्रत रखने से रुका जाता हैं। क्योकि इससे उन्हें गर्भ में बच्चे को नुकसान भी हो सकता हैं। पर आज हम आपको बताने वाले हैं कि आप नवरात्र में भी मां के लिए व्रत रख सकती हैं मगर उसके लिए आपको कुछ नियम और शर्तें माननी होगी जिससे आपके बच्चे को किसी तरह का कोई डर नहीं हो।
- सबस पहली बात की आपको उपवास के दौरान हर दो घंटे में कुछ न कुछ जरूर खाए। इससे ज्यादा गैप शरीर में कमजोरी ला सकता है।
- गर्भवती महिला व्रत में पौष्टिक चीजें खाए। ज्यादा तली-भुनी चीजें सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं। फल-दूध-सूखे मेवे का भरपूर सेवन करें।
- उपवास के दौरान व्यायाम या कोई भारी काम मत करें।
- गर्भवती महिला को निर्जला व्रत भी नहीं रखना चाहिए। उपवास के दौरान पानी और नारियल पानी का सेवन भरपूर करें।
- व्रत के दौरान बच्चे की मूवमेंट का ध्यान रखें। अगर थोड़ी भी तकलीफ हो तो डॉक्टर से सलाह लें।
रामचरितमानस का पाठ जरूर करें
प्रेग्नेंसी में आप व्रत रखें या न रखें, यह आपकी सेहत पर निर्भर करता है। लेकिन नवरात्र के दौरान रामचरितमानस और दुर्गासप्तशती का पाठ होने वाले बच्चे पर अच्छा प्रभाव डालता है। माना जाता है कि इससे बच्चा निडर और संस्कारी बनता है। साथ ही मां को भी आत्मबल मिलता है।
अगर आप इन बातों का ध्यान रखती हैं तो आपके बच्चें को किसी तरह का कोई डर नहीं हैं आप नवरात्र में व्रत रख सकती है और मां की कर्पा भी आप पर बनी रहेगी।