नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे आंदोलन को आज 44वां दिन है। किसान कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं वहीं दूसरी और सरकार कानून वापस लेने के मूड में नहीं दिख रही। गुरुवार को किसानों ने आठवें दौर की वार्ता से पहले टैक्टर मार्च निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया था। आज किसानों और सरकार के बीच 8वें दौर की वार्ता होनी है।
आपको बता दें इससे पहले 4 जनवरी को हुई वार्ता बेनतीजा खत्म हो गई। किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे और सरकार समक्षोते का रास्ता खोज रही है। शुक्रवार को होने वाली 8वें दौर की वार्ता से सकारात्मक उम्मीदें लगाई जा रही हैं। गुरुवार को किसानों की टैक्टर रैली के दौरान ही यह बात कह दी थी कि अगर शुक्रवार की वार्ता के बाद भी हमारे मांगे नहीं मानी तो हम 26 जनवरी को टैक्टर परेड निकालेंगे।
ट्रैक्टर रैली में दम दिखाने के बाद किसान आज एक बार फिर सरकार के साथ बातचीत की टेबल पर होंगे। भारत सरकार और किसान संगठनों के बीच आज कृषि कानून को लेकर चर्चा होनी है। जिन दो मुद्दों का समाधान निकलना बाकी है उनपर आज कुछ हल होने के आसार हैं। बातचीत से पहले बीते दिन किसानों ने एक बड़ी ट्रैक्टर रैली निकालकर आंदोलन को लेकर अपने हौसले सरकार के सामने जता दिए।
दरअसल, सरकार से बातचीत से पहले भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर कानून जल्दी खत्म नहीं हुआ तो यह आंदोलन 2024 तक जाएगा। हम सभी राज्यों में जाएंगे और वहां पर बड़ी.बड़ी पंचायत करेंगे। हम दस्तावेज बनाकर लोगों में बाटेंगे। सरकार बाजीगर है। अलग.अलग पुड़िया लेकर आती है। हमारे पास भी बहुत सारी पोटली हैं। अभी हमने वह खोली नहीं है। हमारी पोटली में किसान हैं और हमने उन्हें दवा बता दी है कि कैसे इसका हल होगा।
आपको बता दें इसी बीच विज्ञान भवन में किसानों से बातचीत से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके घर पर मिल रहे। बातचीत से पहले सरकार की ओर से रणनीति बनाई जा रही है। दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में चर्चा किसान नेताओं और सरकार के बीच बातचीत होनी है।