जम्मू। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा हमले को रविवार (14 फरवरी) दो साल पूरे हो गए हैं। आज एक ओर देशवासी जहां पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर 40 शहीद सीआरपीएफ जवानों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं तो वहीं, दूसरी ओर सुरक्षाबलों ने एक बड़ी आतंकी साजिश नाकाम कर दी है।
यह भी पढ़ें: ब्रज में योगी: यमुना स्वच्छता की बात, 411 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं की सौगात
सुरक्षाबलों को जम्मू शहर में बस स्टैंड पर विस्फोटक आईईडी बरामद हुआ है। इससे सुरक्षाबलों ने इलाके में जगह-जगह पर नाकेबंदी कर दी है, जिसे किसी भी अनहोनी को घटने से पहले ही रोका जा सके। वहीं, सुरक्षा एजेंसियां भी और सतर्क हो गई हैं। लश्कर-ए-मुस्तफा के आतंकी मलिक की गिरफ्तारी, सांबा में सुरंग और हथियारों का मिलना ये साफ दर्शाता है कि आतंकी संगठनों में खलबली मची है, जिससे जम्मू में साजिशें रचने की कवायद की जा रही है।
सोहेल नाम के शख्स के पास से बरामद हुआ आईईडी
जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक मुकेश सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया, ‘हमारे पास इनपुट थे कि आतंकी समूह पुलवामा हमले की बरसी पर फिर आतंकी हमले की योजना बना रहे हैं। इसे लेकर हम हाई अलर्ट पर थे। शनिवार रात हमने सोहेल नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया, जिसके पास से करीब सात किलोग्राम आईईडी बरामद की गई।’
आतंकी संगठन अल बदर से था संपर्क
आईजी सिंह ने आगे बताया, ‘पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया है कि वह चंडीगढ़ में पढ़ता है। उसे पाकिस्तान के आतंकी संगठन अल बदर से आईईडी प्लांट करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। आईईडी प्लांट करने के लिए तीन-चार स्थान बताए गए थे। इस काम में उसकी मदद के लिए आतंकी संगठन के मददगार अतहर शकील खान को लगाया गया था।’
आबिद नबी नाम का शख्स भी गिरफ्तार
मुकेश सिंह ने बताया, ‘चंडीगढ़ में काजी वसीम नाम के एक व्यक्ति को भी इस मामले की जानकारी थी। इस मामले में हमने आबिद नबी नाम के एक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया है। इस आईईडी से बहुत बड़ा धमाका हो सकता था, जिसे पुलिस ने रोक लिया है और बड़ी कामयाबी हासिल की है।’
पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हो गए थे 40 जवान
आपको बता दें कि देश के लिए मर मिटने की शपथ लेने वाले भारत माता के 40 जवान 14 फरवरी, 2019 को आज के ही दिन पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। उनकी शहादत पर पूरे देश को गर्व है। इस आतंकी हमले के बाद देशभर में गम और गुस्से की लहर दौड़ गई। शहीदों को नमन करने के बाद देश ने 12 दिन के अंदर ही पाकिस्तान से शहीदों की शहादत का बदला ले लिया था।