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दुरुस्त होगी राजधानी में परिवहन व्यवस्था, डीटीसी में शामिल होंगी एक हजार बसें

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नई दिल्ली। राजधानी की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) अपने बेड़े में एक हजार नई बसें शामिल करेगा। इसके लिए प्रक्रिया तेज कर दी गई है। जल्द ही इससे संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट में लाकर पास कराया जाएगा। बस खरीदारी की प्रक्रिया में कोई बाधा न आए इसके लिए डीटीसी ने अपनी ओर से भी सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं।

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इस संबंध में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि डीटीसी बोर्ड की बैठक में एक हजार डीटीसी स्टैंडर्ड बसें लाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। परिवहन विभाग ने भी इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इससे संबंधित प्रस्ताव को जल्द कैबिनेट के समक्ष मंजूरी के लिए रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी तक कई बार टेंडर इसीलिए सफल नहीं हो पाया क्योंकि बसों की देखरेख और मरम्मत के लिए बस निर्माता कंपनियों द्वारा मांगे जाने वाले प्रति किलोमीटर वाले रेट पर डीटीसी एवं कंपनियों के बीच सहमति नहीं बन पा रही थी। इसलिए सरकार ने अब तय किया है कि बसों की खरीद के बाद उनकी मरम्मत और रखरखाव की जिम्मेदारी निगम ही लेगा। इसके लिए जो जरूरत होगी उसको भी पूरा किया जाएगा। साथ ही जरूरत के अनुसार नई नियुक्तियां भी की जायेंगी।

परिवहन मंत्री ने बताया कि छह साल से इसी वजह से डीटीसी की बसें नहीं आ पा रही थीं। इसीलिए सरकार की कोशिश है कि वित्त वर्ष 2017-18 में ही इन बसों को डीटीसी के बेड़े में शामिल कर लिया जाए। वहीं परिवहन विभाग के अनुसार सरकार एक बस पर 40 लाख रुपये खर्च करेगी। यह पहली बार होगा कि डीटीसी अपने बेड़े में लो फ्लोर स्टैंडर्ड बसें शामिल करेगा। गहलोत ने बताया कि लोग अफवाह फैलाते हैं कि डीटीसी खत्म हो जाएगी लेकिन यह सही नहीं है। निगम पहले की तरह लोगों की सेवा में काम करता रहेगा।

विभाग के सूत्रों की मानें तो सरकार की कोशिश है कि पहले दिल्ली की बसों से चलने वाली परिवहन व्यवस्था को मजबूत किया जाए। फिर उसके बाद लास्ट माइल कनेक्टीविटी पर युद्ध स्तर पर काम किया जाएगा। विभाग के अनुसार वर्तमान में डीटीसी के बेड़े में कुल बसों की संख्या 4020 है जिनमें से केवल 3800 बसें ही रूट पर चलती हैं। मार्च 2014 में डीटीसी के बेड़े में कुल 5216 बसें थीं।

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