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बटुकेश्वर दत्त ने भगत सिंह के साथ असेंबली में फेंका था बम, सीएम योगी सहित कई नेताओं ने दी बटुकेश्वर दत्त को श्रद्धांजलि

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आज पूरा देश महान क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त की जयंती मना रहा है। इस अवसर पर आज उन्हें हर कोई याद कर रहा है। उनकी जयंती पर देश के कई बड़े नेताओं ने उन्हें याद किया। सीएम योगी ने उन्हें याद करते हुए ट्वीट किया।

सीएम योगी का ट्वीट

सीएम योगी ने लिखा, “माँ भारती के अमर सपूत, प्रखर राष्ट्रभक्त, भारतीय स्वाधीनता संग्राम में भगत सिंह के साथ केंद्रीय विधान सभा में बम विस्फोट कर बर्बर अंग्रेजी हुकूमत को दहलाने वाले महान क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त जी को उनकी जयंती पर कोटिशः नमन।”

कई दिग्गज नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

आज इनकी जयंती के दिन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने इन्हें याद किया । इसके अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी बटुकेश्वर दत्त को श्रद्धांजलि अर्पित की ।

 

देश के महान क्रांतिकारियों में गिने जाते हैं बटुकेश्वर दत्त

देश में जब भी महान क्रांतिकारियों का नाम लिया जाता है तब उसमें बटुकेश्वर दत्त का नाम भी आता है। आज इनकी जयंती है और हर कोई इन्हें याद कर रहा है।

बटुकेश्वर दत्त का जन्म

बटुकेश्वर दत्त का जन्म 18 नवंबर, 1910 को बंगाल प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत में हुआ था। कम ही आयु में ये भारत की आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए थे। देश को आजाद करवाने में इनका काफी योगदान रहा है।

विधानसभा पर बम फेंका था बम

ऐसा कहा जाता है कि ये काफी निडर हुआ करते थे और भगत सिंह के साथ मिलकर उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय विधान सभा पर बम फेंक था। ये हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्य हुआ करते थे और इस दौरान ही उन्होंने बम बनाना सिखा था। 8 अप्रैल, साल 1929 में नई दिल्ली में केंद्रीय विधान सभा पर बम फेंकने के बाद बटुकेश्वर को गिरफ्तार कर लिया था और जेल में डाल दिया गया था। इस केस में उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और सेलुलर जेल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भेज दिया गया।

जेल से रिहा होते ही आज़ादी की लड़ाई में लिया हिस्सा

कई सालों बाद जब उन्हें जेल से रिहा किया गया। जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने फिर से आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया और महात्मा गांधी के भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया। जिसके कारण उन्हें चार साल के लिए फिर से जेल जाना पड़ा।

54 साल की आयु में हुआ बटुकेश्वर दत्त का निधन

भारत को आजादी मिलने के बाद बटुकेश्वर दत्त को जेल से रिहा कर दिया गया। जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने साल 1947 में अंजलि नामक महिला से शादी की। वहीं बटुकेश्वर दत्त ने अपने जीवन की अंतिम सांस 20 जुलाई, 1965 में ली।

 

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