अफगानिस्तान में अब पूरी तरह तालिबान का कब्जा हो गया है। वह अब सरकार बनाने की तैयारी में है। जिसकी तालिबन पूरी तैयार कर चुकी है।
अमेरिकी सेना का रेस्कयू जारी
एक तरफ जहां तालिबान सरकार बनाने की तैयारी में हैं। तो वहीं दूसरी अमेरिकी सेना का रेस्कयू जारी है। भारत और अमेरिका अपने-अपने लोगों को काबुल से निकालने में जुटे हुए हैं। अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से अब तक 3200 लोगों को निकाल चुकी है।
तालिबान ने किया ये दावा !
अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान प्रवक्ता और तालिबानी संस्कृति परिषद का प्रमुख जबीउल्लाह मुजाहिद मंगलवार को पहली बार दुनिया के सामने आया। जबीउल्ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तालिबानी शासन का रोडमैप रखा और कहा, ‘हम किसी के प्रति नफरत की भावना नहीं रखेंगे। हमें बाहरी या अंदरूनी दुश्मन नहीं चाहिए। साथ ही कहा कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा।
अमरुल्ला सालेह बना अफगानिस्तान का राष्ट्रपति
अफगानिस्तान में एक तरफ तालिबानी हुकूमत कायम हो रही है। वहीं उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने खुद को अफगानिस्तान का राष्ट्रपति घोषित कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति अशरफ गनी देश के बाहर हैं। इसलिए संविधान के मुताबिक अब मैं राष्ट्रपति हूं। मैं सभी से समर्थन की अपील करता हूं।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद बने हालात पर मंगलवार को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की मीटिंग ली। यह कमेटी नेशनल सिक्योरिटी के मामले देखने वाली सबसे बड़ी गवर्नमेंट बॉडी है। मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री ने अफगान मामलों से जुड़े अधिकारियों से कहा कि वे आने वाले दिनों में अफगानिस्तान से भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए सभी जरूरी उपाय करें। इस दौरान उन्होने कहा कि हमें अपने अफगान भाइयों और बहनों की भी हर संभव मदद करनी चाहिए, जो भारत से उम्मीद कर रहे हैं।
काबुल से लगातार हो रही है भारतीयों की वापसी
अफगानिस्तान में भारत के राजदूत रुदेंद्र टंडन समेत अब तक 150 लोगों को भारत लाया गया है। यहां से लोगों को बसों और दूसरे वाहनों के जरिए उनके घर भेजा गया।