राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा दिवस पर उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत संदेश जारी किया है। सीएम ने 4 से 10 मार्च तक चलने वाले सड़क सुरक्षा अभियान को लेकर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोगों के नियमों के पालन की अपील की है।
साथ ही सीएम ने कहा कि लोगों को जागरूक करने के लिए एक सप्ताह के लिए सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है।
आपदा से सबक सीखें- त्रिवेंद्र सिंह
उत्तराखंड सरकार ने इस साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम ‘‘आपदा से सीखें और सुरक्षित भविष्य की तैयारी करें’’ इस अवसर पर सीएम ने कहा कि, यह दिवस हमारे सुरक्षा सैनिक, अर्द्वसैनिक बल और पुलिस को समर्पित किया जाता है। जो अपनी जान जोखिम में डालकर हमेशा लोगों की सुरक्षा को लेकर तैयार होते हैं। आपदाओं से हम सबक सीखें और कैसे लोगों को सुरक्षित रख सखते हैं, इस पर चितंन-मनन होगा।
सुरक्षा में लगी एजेंसियों को शुभकामनाएं
सुरक्षा में लगी सभी एजेंसियों को भी मुख्यमंत्री ने शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से संवेदशील राज्य है। आपदा प्रबंधन की दृष्टि से राज्य में अनेक कार्य किये जा रहे हैं। राज्य में इन्सीडेंट रिस्पॉस सिस्टम को काफी मजबूत किया गया है।
हर साल लाखों लोगों की होती है मौत
भारत में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि 2019 में 4 लाख 21 हजार 104 लोगों की आकस्मिक मौत हुई। सिर्फ यातायात दुर्घटनाओं के आंकड़े 4 लाख 67 हजार 171 दर्ज किए गए। अक्सर नियमों के उल्लंघन के नतीजे में होने वाली आकस्मिक मौत को रोकने के लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा काउंसिल की स्थापना की है।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का इतिहास
फरवरी 1966 में, श्रम पर स्थायी समिति के 24वें सत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। 4 मार्च, 1966 को, भारत सरकार के श्रम मंत्रालय ने एक इकाई के तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना की। परिषद का पंजीकरण सोसायटी पंजीकरण कानून, 1860 के तहत किया गया। इसके अलावा, परिषद बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट कानून, 1950 के तहत भी रजिस्टर हुआ। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अभियान की शुरुआत एक दशक बाद 4 मार्च, 1972 को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद स्थापना दिवस को मनाने के लिए हुई।