featured यूपी

आईआईए के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष एक जुलाई को लेंगे शपथ

BHARAT KHABAR IIA 1 आईआईए के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष एक जुलाई को लेंगे शपथ

लखनऊ। औद्योगिक संस्था इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए)  के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल  कल यानी गुरूवार को एक जुलाई के दिन शपथ लेंगे । इसके लिए राजधानी के गोमती नगर के विभूतिखंड स्थित आईआईए भवन में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जायेगा।

कार्यक्रम की शुरूआत करीब 11:30 बजे होगी। जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री सुरेश खन्ना भी मौजूद रहेंगे।

इससे पहले उन्होंने भारत खबर के संवाददाता वीरेन्द्र पाण्डेय के साथ खास बातचीत की। अशोक अग्रवाल ने बहुत बेबाकी से लघु सूक्ष्म तथा मध्यम उद्यम क्षेत्र (MSME) की समस्याओं तथा उनके निदान को लेकर अपनी बात कही।

कोरोना काल में औद्योगिक क्षेत्र की धीमी पड़ चुकी रफ्तार को ठीक करने तथा परेशान उद्यमियों के लिए राहत का रास्ता कैसे निकलेगा के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि दिक्कत है,बहुत है, लेकिन जब हम उद्योग करने जाते हैं,तो हम दिक्कतों से लड़- लड़के बड़े होते हैं, दिक्कतों को हम बड़ी मानेंगे, तो  वह बहुत ज्यादा बड़ी होती चली जाएंगी।

परेशानियों से घबराने की जरूरत नहीं

उन्होंने कहा कि हम अपने साथियों के बीच में जा रहे हैं और बता रहे हैं कि सड़क हमेशा सीधी नहीं होती है, बीच में मोड़ भी आते हैं, जो जीवन में परेशानी पैदा कर सकते हैं, लेकिन हमें बहुत ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है और ना ही हम यह सोचते हैं कि सरकार हमको ऐसे दौर में बहुत मदद कर पाएगी। इसके बावजूद भी हम आगे बढ़ रहे हैं और अपने प्रयास तथा कर्मो से आगे बढ़ रहे हैं। हमारा प्रयास है कि हम और तेजी से आगे बढ़े, जिससे देश की प्रगति तथा उसकी जीडीपी में और ज्यादा योगदान कर पाएं।

समस्याएं बहुत ज्यादा

उन्होंने कहा कि बिजली के बिल लगातार आ रहे हैं, फैक्ट्रियां चल नहीं रही है, मजदूरी देनी पड़ रही है, हमारा बकाया भुगतान नहीं मिल रहा है। बाजार में डिमांड नहीं है चाइना ने ड्यू टू कंटेनर की ब्लॉकेज कर दी है। इससे बाहर से आने वाले सामानों के दाम बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं, इसके अलावा हमारा माल तैयार है, वह बाहर नहीं जा पा रहा। बाहर का माल यहां नहीं आ पा रहा। इन सब चीजों से हम लोग जूझ रहे हैं। हमारा प्रयास है कि हमारे उद्योग पटरी पर आ जाएं।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर पहले के मुकाबले काफी कठिनाइयां पैदा करने वाली रही, इस बार दिखावे के लिए था कि हम अपनी फैक्ट्री चला सकते हैं, उससे सरकार के ऊपर कोई भार नहीं आया, क्योंकि पेमेंट हमें करने थे, मजदूरी हमें देनी थी,

रॉ मटेरियल पीछे से आ नहीं रहे थे, जिससे हम माल तैयार नहीं कर पा रहे थे, इसके अलावा ट्रांसपोर्टेशन की भी व्यवस्था ठीक नहीं रही।

उन्होंने बताया कि काफी नुकसान उद्योगों को उठाना पड़ा है जो माल हमने बनाए थे वह स्टाक में पड़े हुये हैं।

सरकार से मदद की आस

उन्होंने बताया कि 3 महीने में जो ब्याज हमारे ऊपर बिना काम के लगे हैं, श्रमिकों को सैलरी तथा बिजली का बिल हमें देना पड़ा,इन सब परिस्थितियों में हम सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वह एमएसएमई की मदद करेगी।

उन्होंने बताया कि एक एमएसएमई सेक्टर है जो काफी वृहद है, पूरे इंडिया की बात करें तो हम लोग साढ़े चौदह फीसदी हैं। ऐसे में सरकार को इस सेक्टर के बारे में जरूर सोचना चाहिए और उस पर ध्यान देना चाहिए। यदि सरकार इस पर ध्यान नहीं देगी तो उद्योग बंद होते जाएंगे। जिससे रेवेन्यू पर असर पड़ेगा और बेरोजगारी बढ़ेगी।

उन्होंने कहा कि मेरा कार्यकाल एक जुलाई से शुरू होगा, लेकिन हम लोगों ने इस पर अभी से काम करना शुरू कर दिया है। हम वह आंकड़े इकट्ठा कर रहे हैं, जिससे सरकार को हम यह बता सके कि कहां समस्या रही, कैसे हमारे उद्योग टूटते जा रहे हैं, जैसे ही आंकड़े हमारे पास आएंगे हम सरकार के पास जाएंगे, उन्हें बताएंगे कि किस किस क्षेत्र में वह सहयोग करें। नियम शिथिल होंगे तो यह उद्योग दोबारा से पटरी पर आएंगे और लोगों को रोजगार मिलेगा।

उन्होंने कहा कि सरकार अगर हमारे साथ मिलकर काम करेगी तो उत्तर प्रदेश को उद्योग प्रदेश बनाने का प्रयास करेंगे।

इंडियन इंडस्ट्रीज ऑफ एसोसिएशन के उत्तर प्रदेश में करीब 8 हजार सदस्य हैं, बीते दिनों प्रदेश सरकार ने एमएसएमई इकाइयों को काफी ज्यादा तादाद में ऋण दिया है, इससे आने वाले समय में औद्योगिक संस्था आईआईए के सदस्यों को क्या लाभ मिलेगा के सवाल पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा कि इस विषय पर बहुत ज्यादा स्पष्ट रूप से तो मैं कुछ नहीं कह सकता। लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा कि जब हम बैंक में जाते हैं, तो सरकार के निर्देश किताबी बातें ही नजर आती हैं। असल में स्थिति बहुत भयावह है, जब भी हम बैंक में ऋण के लिए जाते हैं, तो इतनी कागजी कार्रवाई कराई जाती है कि शख्स वैसे ही परेशान हो जाता है।

उन्होंने एमएसएमई के लिए केंद्र तथा राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को बेहतर बताया, लेकिन योजनाओं को चलाने वाले कुछ लोग रुकावटें पैदा करते हैं,जिससे सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य नहीं हो पा रहा है।

उन्होंने कहा कि जहां पर उद्योग ज्यादा कामयाब है, वही देश, वही प्रदेश, वही जिला, ज्यादा तरक्की करता है।

इस तरह तैयार करेंगे यहां के उद्योगों के लिए वैश्विक माहौल

भारतीय उद्योग को वैश्विक स्तर का माहौल देने की बात पर उन्होंने कहा कि हम विदेशों में उद्योग सेक्टर में काम करने वाले एसोसिएशन तथा एंबेसी के अधिकारियों से मिलेंगे। अपने यहां के प्रोडक्ट के बारे में उन्हें जानकारी देंगे मौजूदा समय में उनके साथ वर्चुअल मीटिंग करेंगे,अपने यहां के प्रोडक्ट की जानकारी देंगे तथा उनके प्रोडक्ट की जानकारी लेंगे। जिससे वहां का सामान अपने देश में आ सके और अपने देश का सामान वहां जा सके।

उन्होंने बताया कि एक बड़ी समस्या हमारे देश में है कि हम बहुत ज्यादा एडवांस टेक्नोलॉजी नहीं ला पा रहे हैं, इसके पीछे का मुख्य कारण फाइनेंस तथा जानकारी में कमी का होना है। उस पर भी हम लोग ध्यान देंगे, जिससे हम एडवांस टेक्नोलॉजी को उद्यमियों तक पहुंचा सके।

चाइना को लेकर लोगों की राय बदली

उन्होंने कहा कि हम उत्पाद की गुणवत्ता पर भी ध्यान देंगे और बेहतर उत्पाद बनाएंगे क्योंकि कोरोना काल में चाइना के   प्रति लोगों का विश्वास कम हुआ है, राय बदली है, ऐसे में हमारा दायित्व बनता है कि हम अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी को इस तरह रखें कि विदेश में वह सही दाम में बिक सके।

सरकार को भी सोचना पड़ेगा

उन्होंने कहा कि जब रेट की बात आती है,तो उसमें सरकार को भी सोचना पड़ेगा। हमें सब्सिडी की बैसाखी नहीं चाहिए, लेकिन सरकारी कर्मचारियों से एक अनुरोध रहेगा कि काम में रुकावट पैदा न करें,हम लोगों के साथ वसूली करने के नियत से व्यवहार ना करें। हमारी कागजी कार्रवाइयों को बाधित न करें।

Related posts

टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वालों का इकाना में होगा सम्मान, जानिए पूरा कार्यक्रम

Aditya Mishra

आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर के खिलाफ यौन उत्पीड़न शिकायत ख़ारिज

Rani Naqvi

लाइव: भारत बनाम पाकिस्तान टॉस जीत कर भारत करेगा पहले गेंदबाजी

piyush shukla