कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने बंगाल चुनाव के बाद हुई हिंसा मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही राज्य सरकार से पीड़ितों को मुआवजा देने को कहा है।
चुनाव के बाद हिंसा मामले में सरकार को झटका
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा मामले में अब सीबीआई जांच होगी। कोलकत्ता हाईकोर्ट ने चुनाव के बाद हिंसा मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने एसआईटी टीम का गठन करने और राज्य सरकार को पीड़ितों को मुआवजा देने को भी कहा है। अदालत की निगरानी में ही हिंसा मामले में सीबीआई की जांच होगी।
अन्य सभी मामलों की जांच एसआईटी को सौंपी
पश्चिम बंगाल सरकार को कलकत्ता हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अब चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलो में हत्या और महिलाओं के खिलाफ अपराध, बलात्कार सहित मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों की सीबाई जांच होगी। अदालत की निगरानी में ही यह जांच की जाएगी। इसके साथ ही कोर्ट ने अन्य सभी मामलों की जांच एसआईटी को सौंप दी है। एसआईटी की निगरानी कोर्ट भी करेगा।
24 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
बंगाल हिंसा मामले को लेकर कोर्ट में कई जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं। जिसमें आरोप लगाया गया था कि चुनाव के बाद हिंसा में लोगों के साथ मारपीट की गई, उन्हें घर से भागने के लिए मजबूर किया गया साथ ही उनकी संपत्ति नष्ट कर दी गई है। इस मामले में याचिकाकर्ताओं ने निष्पक्ष जांच की मांग की थी। जिसपर सुनवाई कर रहे कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने कहा कि अलग-अलग फैसले हैं लेकिन सभी सहमत हैं। अदालत के समक्ष कई जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं। पीठ ने पहले एनएचआरसी अध्यक्ष को “चुनाव के बाद की हिंसा” के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की जांच के लिए एक जांच समिति गठित करने का आदेश दिया था। रिपोर्ट सौंपने के बाद अब अगली सुनवायी 24 अक्टूबर को होगी।
3 अगस्त को सुरक्षित रखा गया था फैसला
इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में 3 अगस्त को सुनवाई पूरी हो गई थी। जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। गरुवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने फैसला सुनाया। जिसमें न्यायमूर्ति आई पी मुखर्जी, हरीश टंडन, सौमेन सेन और सुब्रत तालुकदार शामिल थे।