प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद आज लगातार दूसरे दिन दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के 9 सदस्य समिति की बैठक आयोजित की गई हैं। इस बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। जानकारी के मुताबिक बैठक में तय किया जाएगा कि 22 नवंबर को प्रस्तावित लखनऊ रैली और 29 नवंबर को संसद मार्च में किस प्रकार के बदलाव किए जाएंगे। हालंकि किसानों का कहना है कि जब तक सरकार उनसे बात करके उनकी समस्याओं का हल नहीं करेंगे तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
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किन मुद्दों पर होगी चर्चा
किसान संयुक्त मोर्चा की इस बैठक का आयोजन दिल्ली की सिंधु बॉर्डर पर आज यानी रविवार को सुबह 11:00 बजे किया गया है। बैठक के दौरान किसान आंदोलन के मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी।
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688 शहीद किसानों के परिवारों को मुआवजा पर होगी चर्चा
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न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून
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बिजली पर अध्यादेश की हो वापसी
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पराली को लेकर हुए मुकदमों की हो वापसी
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आंदोलन के दौरान दर्द मुकदमे को खारिज।
मांग पूरी नहीं होगी तो जारी रहेगा आंदोलन
किसान नेताओं और आंदोलनकारियों ने अपने इरादों को साफ करते हुए कह दिया है कि जब तक सरकार हमसे बात नहीं करेगी और हमारी समस्याओं का हल नहीं करेगी। तब तक आंदोलन की वापसी से नहीं होगी। हमारी मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी को लेकर कानून बनाया जाए।
22 नवंबर को लखनऊ में होगी रैली
वही शनिवार को हुई बैठक के दौरान किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने साफ किया है। कि 26 और 29 नवंबर को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम कुछ संचालित किया जाएगा। साथ ही 22 नवंबर को लखनऊ में आयोजित रैली को कामयाब बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं।
साथ ही उन्होंने यह साफ किया है कि लखीमपुर खीरी में हमारे किसान साथियों को अगर परेशान किया गया तो हम लखीमपुर खीरी में भी आंदोलन चलाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों की वापसी की बात तो कही है। लेकिन अभी भी कई ऐसे मुद्दे हैं। जिन पर किसानों के साथ चर्चा करनी जरूरी है।