केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आज यानी गुरुवार को पोस्ट कोविड प्रबंधन पर राष्ट्रीय व्यापक गाइडलाइंस जारी किए। यह गाइडलाइन लंबी अवधि के लिए पूर्ण पोस्ट कोविड स्वास्थ्य देखभाल मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
जिसके तहत कोरोना के लंबे प्रभावों से निपटने के लिए पूरे देश में डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की क्षमता का निर्माण करने में सहायक होगा।
दिशानिर्देश जारी करते हुई केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा ये मॉड्यूल डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड के लंबे प्रभावों के मुद्दे से निपटने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
Released National Comprehensive Guidelines on Post-COVID management to give guidance on long-term health issues.
This will help health workers prepare for Post-COVID health complications in advance and give suitable treatment to patients. (1/2) pic.twitter.com/L5qPenfBll
— Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) September 23, 2021
उन्होंने आगे कहा, “लंबी अवधि के स्वास्थ्य मुद्दों पर मार्गदर्शन देने के लिए पोस्ट-कोविड प्रबंधन पर राष्ट्रीय व्यापक दिशानिर्देश जारी किए। इससे स्वास्थ्य कर्मियों को पोस्ट-कोविड स्वास्थ्य जटिलताओं के लिए अग्रिम रूप से तैयार करने और रोगियों को उपयुक्त उपचार देने में मदद मिलेगी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आगे बताया कि यह भारत में जारी पोस्ट कोविड प्रबंधन पर राष्ट्रीय व्यपाक दिशा निर्देश की सात मॉड्यूल की पहली श्रंखला जो डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों को महामारी के लंबे प्रभाव से निपटने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगें।
कोरोना महामारी से निपटने के बाद भी कुछ मरीजों में कई लक्षण बाद में भी नजर आते हैं। जैसे सांस लेने में दिक्कत और थकान। यह लक्षण खासतौर पर उन मरीजों में देखे जाते हैं जिन्हें कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था।
इस अवसर पर मौजूद केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने कहा, “कोरोना महामारी ने हमारे स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली पर एक अभूतपूर्व चुनौती पेश की है। इतनी बड़ी आबादी वाला देश में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल एक बहुत बड़ी चुनौती है।”
पवार ने आगे कहा की “हमें मानसिक स्वास्थ्य की इस चुनौती का सामना करने के लिए अपनी क्षमता का निर्माण करने की जरूरत है। यदि अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता उचित ज्ञान और प्रशिक्षण से युक्त हैं, तो वे इन पोस्ट-कोविड चुनौतियों के खिलाफ इस लड़ाई में एक मूल्यवान संसाधन बन सकते हैं।”