भारत सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में ‘द क्रिप्टोक्यूरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ पेश करने जा रही है। आने वाले शीतकालीन सत्र में सरकार सदन में इस बिल को पेश करेगी।
शीतकालीन सत्र में डिजिटल करेंसी बिल पेश करेगी सरकार
भारत सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में ‘द क्रिप्टोक्यूरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ पेश करने जा रही है। आने वाले शीतकालीन सत्र में सरकार सदन में इस बिल को पेश करेगी। सरकार के इस फैसले से क्रिप्टोक्यूरेंसी की मान्यता को लेकर लगाए जा रहे कयास पर आखिरकार विराम लग गया है। ये बिल आरबीआई द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करेगी और भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाएगी।
सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर लगेगा प्रतिबंध!
सरकार क्रिप्टो करेंसी बिल से होने वाली कमाई पर कर लगाने का इरादा रखती है। यह बिल इस चिंता को और स्पष्ट कर सकता है कि अगर ये आभासी मुद्राएं लाभ लाती हैं, तो उन पर पूंजीगत लाभ कर व्यवस्था के तहत कर लगाया जा सकता है, लेकिन अगर यह सेवा प्रदान की जा रही है, तो इसे जीएसटी तंत्र के तहत आना चाहिए।
13 नवंबर को पीएम मोदी ने की थी बैठक
इस बिल में प्रत्यक्ष कर प्रावधान शामिल हो सकता है, जबकि सेवाओं के मुद्दे पर जीएसटी परिषद निर्णय ले सकती है। बता दें कि क्रिप्टो करेंसी निवेश पर भारी रिटर्न के भ्रामक दावों पर चिंताओं के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार, 13 नवंबर को इस मुद्दे पर आगे बढ़ने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की थी। वहीं मार्च 2020 की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने वाले आरबीआई के सर्कुलर को रद्द कर दिया था। इसके बाद 5 फरवरी, 2021 को केंद्रीय बैंक ने केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा के मॉडल का सुझाव देने के लिए एक आंतरिक पैनल का गठन किया था।