बता दें कि देश में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान को लेकर सरकार तेजी से अपना काम करने में लगी हुई है। जिसे देखकर लगता है कि भारत कोरोना की जंग जल्द ही जीतेगा
95 करोड़ लोग कोरोना वैक्सीन की डोज पहली और दूसरी डोज ले चुके हैं
बता दें कि देश में अब तक 95 करोड़ लोग कोरोना वैक्सीन की डोज पहली और दूसरी डोज ले चुके हैं। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट कर कहा कि देश में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत अब तक 95 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है।
देश अब 100 करोड़ वैक्सीन डोज की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है
उन्होंने आगे लिखा कि देश अब 100 करोड़ वैक्सीन डोज की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है, 95 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की डोज देने से उम्मीद लगाई जा रही है कि भारत में समय से पहले ही 100 करोड़ वैक्सीन के डोज लगाये जा चुके होंगे।
टीकाकरण के लिए 188 करोड़ डोज लगानी होगी
वहीं अगर भारत में 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की आबादी देखी जाये तो वो तकरीबन 94 करोड़ है. प्रति व्यस्क दो डोज के हिसाब से सभी व्यस्क लोगों के टीकाकरण के लिए 188 करोड़ डोज लगानी होगी।
अभी तक लगभग 72 फीसद वयस्क आबादी एक डोज लगी
वहीं लक्ष्य तक पहुंचने के लिये राज्यों को औसतन प्रतिदिन 1.14 करोड़ डोज लगानी होंगी। देश में अभी तक लगभग 72 फीसद वयस्क आबादी एक डोज लगी है और लगभग 25 फीसद वयस्क लोगों को दोनों डोज लग चुकी है।
केंद्र सरकार ने मार्च 2022 तक 100 करोड़ वैक्सीन डोज देने का लक्ष्य निर्धारित किया
बता दें कि केंद्र सरकार ने मार्च 2022 तक 100 करोड़ वैक्सीन डोज देने का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन अब जो आंकड़ें सामने आ रहे हैं उसे देखकर कहा जा सकता है कि ये लक्ष्य दिसंबर से भी पहले पूरा कर लिया जायेगा।
World's largest successful vaccination drive in full swing! 💉
✅ India completes administration of 95 crore #COVID19 vaccine doses.
💯 Marching rapidly towards administering 100 crore vaccine doses.
Get vaccinated quickly and encourage your friends & family to do the same! pic.twitter.com/yp2MLLQMuo
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) October 10, 2021
वहीं ‘वैक्सीन मैत्री’ के लिए अक्टूबर-दिसंबर में टीकों के निर्यात को लेकर बात सामनें आयी थी उस पर उन्होंने कहा था कि देश के नागरिकों की जरुरतें पहले हैं, इसके बाद ही हम वैक्सीन के निर्यात को बढ़ाने के बारे में सोचेंगे।