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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, अब 5 सितंबर को NDA की परीक्षा दे सकती हैं लड़कियां

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से UPSC अभ्‍यर्थियों को मिलेगी राहत  

नेशनल डिफेंस अकादमी में अब लड़कियों के लिए दरवाजे खुलने की संभावना बढ़ गई है। सुप्रीम कोर्ट ने 5 सितंबर को होने वाली NDA की प्रवेश परीक्षा में लड़कियों को हिस्सा लेने की अनुमति दे दी है।

अब 5 सितंबर को NDA की परीक्षा दे सकती हैं लड़कियां

नेशनल डिफेंस अकादमी में जाने का सपना देखने वाली लड़कियों के लिए अब दरवाजे खुलने की संभावना बढ़ गई है। सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए लड़कियों को नेशनल डिफेंस अकादमी की की प्रवेश परीक्षा में हिस्सा लेना की अनुमति दे दी है। अब लड़कियां NDA और NA की परीक्षा में बैठ सकेंगी। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने महिला अभ्यर्थियों को एनडीए परीक्षा में बैठने की अनुमति देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। हालांकि कोर्ट ने कहा कि दाखिले पर अंतिम फैसला बाद में लिया जाएगा।

यह एक नीतिगत निर्णय है- सेना 

अब तक लड़कियों को एनडीए की परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं थी। कोर्ट ने लड़कियों को 28 अगस्त को होने वाली राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज की परीक्षा में भी शामिल होने की अनुमति दी। सुनवाई के दौरान सेना ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह एक नीतिगत निर्णय है, जिस पर जस्टिस संजय किशन कौल और हृषिकेश रॉय की खंडपीठ ने कहा कि यह नीतिगत निर्णय “लिंग भेदभाव” पर आधारित है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका में अंतरिम आदेश पारित करते हुए कहा कि 5 सितंबर को होने वाली एनडीए की परीक्षा में महिलाओं को शामिल होने दिया जाए।

याचिकाकर्ताओं ने क्या कहा था?

याचिकाकर्ता ने दलील देते हुए कहा कि 10+2 स्तर की शिक्षा रखने वाली पात्र महिला अभ्यर्थियों को उनके लिंग के आधार पर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और नौसेना अकादमी परीक्षा देने के अवसर से वंचित कर दिया जाता है। जो मौलिक नियमों के खिलाफ है। साथ ही याचिकाओं में कहा गया कि लड़कियों को सेना की नौकरी देते समय ग्रेजुएशन की शर्त रखी गई है। जबकि लड़कों को 12वीं की परीक्षा के बाद नेशनल डिफेंस एकेडमी में शामिल होने दिया जाता है। इस तरह से लड़कियां सेना में अपनी सेवा की शुरुआत में ही लड़कों से पिछड़ जाती हैं।

‘NDA और NA में सिर्फ लड़कों को मिलता है दाखिला’

याचिकाओं में यह भी कहा गया है कि सेना में युवा अधिकारियों की नियुक्ति करने वाले नेशनल डिफेंस एकेडमी और नेवल एकेडमी में सिर्फ लड़कों को ही दाखिला मिलता है। ऐसा करना उन योग्य लड़कियों के मौलिक अधिकारों का हनन है, जो सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहती हैं। इसके साथ ही याचिका में सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल के एक फैसले का हवाला दिया गया। जिसमें महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के लिए कहा गया था।

 

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