दिल्ली में शिरोमणि अकाली दल ने कृषि कानूनों के विरोध में शुक्रवार को प्रदर्शन किया। शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की अगुवाई में केंद्र सरकार के खिलाफ मार्च निकाला गया। जिसके बाद पुलिस ने सुखबीर सिंह बादल और हरसिमरत कौर को हिरासत में ले लिया।
दिल्ली में कृषि कानूनों के विरोध में अकाली दल का प्रदर्शन
तीन कृषि कानूनों के विरोध में बीजेपी से नाता तोड़ चुकी शिरोमणि अकाली दल अब दिल्ली की सड़कों पर प्रदर्शन पर उतर चुकी है। शिरोमणि अकाली दल की ओर से शुक्रवार को दिल्ली में विरोध मार्च निकाला गया। शिअद ने पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की अगुवाई में केंद्र सरकार के ‘किसान विरोधी’ कानूनों के खिलाफ गुरुद्वारे से संसद भवन तक मार्च निकालने का आह्वान किया था। इस मार्च के दौरान शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि हम यहां पीएम मोदी को संदेश देने आए हैं कि पूरा पंजाब नहीं बल्कि पूरा देश उनकी सरकार के खिलाफ हैं।
हिरासत में सुखबीर सिंह बादल और हरसिमरत कौर
प्रदर्शन कर रहे शिरोमणि अकाली दल के 11 नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसमें सुखबीर सिंह बादल और हरसिमरत कौर भी शामिल हैं। वहीं विरोध मार्च के चलते दिल्ली यातायात पुलिस ने कई रास्ते बंद कर दिए। झारोड़ा कलां सीमा पर मार्ग बंद हैं और पुलिस ने यात्रियों से कहा कि वे किसानों के आंदोलन के मद्देनजर इन मार्गों पर जाने से बचें।
‘देश के किसानों के साथ केंद्र सरकार ने किया विश्वासघात’
वहीं इस प्रदर्शन के दौरान हरसिमरत कौर बादल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए रकहा कि सबका साथ, सबका विकास का वादा किया था लेकिन इस सरकार ने पूरे देश के किसानों के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने कहा कि वो अपने नौजवानों का शुक्रिया करती हैं जो यहां इक्कठे हुए हैं और इतना जोश दिखाया है। हरसिमरत ने कहा कि आजादी के बाद पंजाबी और किसानों ने देश के हित के लिए काम किया है। किसान बॉर्डर पर बैठे हैं, कितने किसान शहीद हो गए हैं लेकिन इनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगती है।
कृषि कानूनों के विरोध में छोड़ा था बीजेपी का साथ
आपको बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया था। वहीं हरसिमरत कौर बादल ने भी केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसान लगातार विरोध कर रहे हैं। पिछले 9 महीने से भी अधिक समय से किसान आंदोलन चल रहा है लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है।