कर्नाटक में हिजाब पहनने को लेकर विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इसी बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मामले के सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने का जिक्र करते हुए इस विवाद पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है।
मंगलवार को संसद भवन पहुंचे कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने मीडिया द्वारा पूछे गए हिसाब विवाद से जुड़े सवालों के जवाब में कहा कि मामला अदालत में विचाराधीन है कर्नाटक हाई कोर्ट इस पर सुनवाई कर रही है। इसीलिए वह इस मामले पर किसी प्रकार की कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
बता दें इससे पहले सोमवार को दिल्ली पहुंचने पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि सभी को यूनिफॉर्म मामले को लेकर सरकार के आदेशों का पालन करना चाहिए और शांति बरकरार रखने की अपील की। साथ ही कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और सरकार अदालत के फैसले का इंतजार कर रही है।
क्या है हिजाब विवाद
कर्नाटक में कई स्कूल कॉलेजों में हिजब को लेकर बवाल मचा हुआ है। जहां मुस्लिम छात्राएं स्कूल कॉलेज में हिसाब ना पहनने देने को लेकर विरोध दर्ज करा रही हैं। तो वहीं दूसरी तरफ कई छात्र भगवा साफा पहन कर उनका विरोध कर रहे हैं। हालांकि यह मामला अब हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है।
वही कर्नाटक सरकार ने कर्नाटक एजुकेशन एक्ट 1983 की धारा 133 के लागू कर दी है। जिसकी वजह से सभी स्कूल कॉलेजों में यूनिफार्म पहनना अनिवार्य हो गया है। इसके तहत सरकारी स्कूल और कॉलेज में यूनिफार्म पहनना अनिवार्य हो गया है। वहीं निजी स्कूलों को अपनी यूनिफॉर्म तय करने का अधिकार दिया गया है।
बता दे यह विवाद पिछले महीने जनवरी में शुरू हुआ जब एक सरकारी कॉलेज में 6 छात्रों ने हिजाब पहनकर कॉलेज में एंट्री ली। विवाद उस वक्त बढ़ गया जब कॉलेज प्रशासन ने छात्रों को हिजाब पहनने के लिए मना कर दिया। लेकिन वह फिर भी हिजाब पहनकर आई। इसके बाद दूसरे कॉलेजों में भी हिसाब को लेकर विवाद शुरू हो गया। जिसके चलते कई जगहों पर पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
हालांकि अब इस विवाद को लेकर हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी हुई है। इस मामले को लेकर मुस्लिम छात्रों का कहना है कि वह पहले से हिजाब पहन कर पढ़ाई करती आ रही हैं। और पहले कभी इस को लेकर विवाद नहीं हुआ है। वही दूसरे तबके के लोगों का मानना है कि शिक्षा का यूनिफार्म से लेना देना नहीं है और सभी स्कूल कॉलेज एक समान रहने चाहिए।