जैसलमेर की पश्चिमी सीमा पर इस बार तीनों सेनाओं का साझा अभ्यास चल रहा है। जहां थल, वायु और जल सेना की शक्ति को युद्धस्तर पर परखा जा रहा है। गुरुवार को इस युद्धाभ्यास में थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे भी शामिल हुए और तीनों सेनाओं के संयुक्त युद्धाभ्यास की एक्सरसाइज का निरीक्षण किया।
भारतीय सेना का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास ‘दक्षिण शक्ति’
जैसलमेर की पश्चिमी सीमा पर इस बार तीनों सेनाओं का साझा अभ्यास चल रहा है। जहां थल, वायु और जल सेना की शक्ति को युद्धस्तर पर परखा जा रहा है। गुरुवार को इस युद्धाभ्यास में थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे भी शामिल हुए और तीनों सेनाओं के संयुक्त युद्धाभ्यास की एक्सरसाइज का निरीक्षण किया। दक्षिण शक्ति नाम के युद्धाभ्यास में इस बार आधुनिक युद्ध टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है। लगभग तीस हजार सैनिकों के सबसे बड़े युद्धाभ्यास में युद्ध को हर बारीकी को परखने एवं दुश्मन देशों के विरूद्ध उच्चतम स्तर पर तैयार रहने की एक्सरसाइज देश के पश्चिमी सैन्य क्षेत्र जैसलमेर में चल रही है।
पाकिस्तान के सीमा के नजदीक हो रहा युद्धाभ्यास
पाकिस्तान के सीमा के नजदीक जाकर किया जा रहा युद्धाभ्यास खास है। जिसे देश का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास बताया जा रहा है। पहली बार स्पेस टेक्नोलॉजी और आर्टिफीसीयल इंटेलीजेंस का भी समावेश किया गया है। वहीं T- 72, T – 90 टैंकों ने भी अभ्यास से अद्वितीय शक्ति का प्रदर्शन किया है। इस युद्धाभ्यास का मुख्य आकर्षण रशियन टैंक विज्यंता ने अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन किया। वहीं वायु सेना और थल सेना का सामंजस्य देखने को मिला जिसमें एयरफोर्स के फाइटर फ्लेन ध्रुव,रुध्रा और जैगवार ने स्पेस टेक्नोलॉजी के साथ बेहतर प्रदर्शन किया जिसमें काल्पनिक टारगेट पर अचूक निशाने लगाकर ध्वस्त किया।
थल सेना के साथ वायुसेना भी शामिल
करीब 500 किलोमीटर के दायरे में चल रहे इस युद्धाभ्यास में थल सेना के साथ वायुसेना भी शामिल है। दोनों ही मोर्चों पर दुश्मनों पर हमले का अभ्यास किया जा रहा है। गुजरात के कच्छ में भी ऐसा ही युद्धाभ्यास चल रहा है, जिसमें एक साथ आर्मी, नेवी और एयरफोर्स की वॉर एक्सरसाइज चल रही है, जिसे दक्षिण शक्ति का नाम दिया गया है। पाकिस्तान बॉर्डर के नजदीक चल रहे इस सैन्य अभ्यास से पाकिस्तान की सेना में खलबली मची हुई है। आगामी शुक्रवार को इस युद्धाभ्यास का समापन होगा। समापन समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल होने की पूरी पूरी संभावना है।
हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर के साथ ड्रोन का भी इस्तेमाल
युद्धाभ्यास दक्षिण शक्ति के जरिए सेना बदलते परिवेश में रणक्षेत्र के नए तरीकों पर प्रयोग कर रही है। ताकि कम से कम समय में जवाबी हमला बोलकर दुश्मन को ना केवल चौंकाया जा सके, बल्कि उसके स्ट्रेटेजिक पॉइंट पर कब्जा भी किया जा सके। इसी को ध्यान में रखकर एयर स्पेस, साइबर, इलेक्ट्रॉनिक एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी को आजमाया गया। इस युद्धाभ्यास में देश में ही विकसित हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर के अलावा ड्रोन का भी प्रयोग किया गया। ड्रोन के माध्यम से सटीक निशानों से काल्पनिक ठिकानों को ध्वस्त किया गया। इस वॉर एक्सरसाइज में आर्मी, नेवी, एयरफोर्स के अलावा कोस्ट गार्ड, BSF, पुलिस और दूसरी इंटेलिजेंस एजेंसियां शामिल हुई हैं। गुरुवार को इन सबके बीच तालमेल को परखा गया।