बीएसएफ का 57वां स्थापना दिवस पहली बार राजधानी दिल्ली के बाहर सरहदी जिले जैसलमेर में मनाया गया। शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में बीएसएफ का स्थापना दिवस मनाया गया। इस दौरान देश के गृहमंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे।
जैसलमेर में मनाया गया बीएसएफ का 57वां स्थापना दिवस
बीएसएफ का 57वां स्थापना दिवस पहली बार राजधानी दिल्ली के बाहर सरहदी जिले जैसलमेर में मनाया गया। शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में बीएसएफ का स्थापना दिवस मनाया गया। इस दौरान देश के गृहमंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। इस मौके पर बीएसएफ के जांबाजों ने शानदार करतब दिखाए। सबसे पहले गृहमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस कार्यक्रम में बीएसएफ के 13 फ्रंटियर के जवानों ने हिस्सा लिया। जिन्होंने अपनी-अपनी प्रस्तुतियां दी।
अमित शाह ने जवानों को किया सम्मानित
सबसे पहले पुरुष-महिला जवानों की पैदल मार्चिंग की गई उसके बाद डॉग स्क्वायड,हॉर्स स्क्वायड, कैमल स्क्वायर की ओर से प्रस्तुतियां दी गई। फिर आर्टिलरी रेजिमेंट, एयरविंग और देश का आठवां अजूबा कही जाने वाली कैमल माउंटेन बैंड भी अपने सुमधुर धुनों से हर किसी को मोहित करती नजर आई। इसी के साथ डॉग-शो,अस्त्र-शस्त्र हैंडलिंग प्रदर्शन,पैरा एडवेंचर प्रदर्शन और सीमा भवानी (महिला), जाबाज दल की ओर से मोटरसाइकिल के साथ भी प्रदर्शन किए गए। बीएसएफ दिवस के इस कार्यक्रम में सराहनीय सेवा देने वाले जवानों और उनके परिजनों को गृह मंत्री अमित शाह ने सम्मानित किया। उसके बाद अमित शाह ने जवानों को संबोधित कर देश के नाम संदेश दिया।
सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी जवानों को श्रद्धांजलि- शाह
जवानों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि बीएसएफ की स्थापना के बाद पहली बार यह समारोह देश की सीमा से सटे जिले में मनाने का निर्णय लिया गया है। इस परंपरा को जारी रखना चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि देश के पुलिस बल, बीएसएफ और सीएपीएफ के 35 हजार से अधिक जवानों ने अलग-अलग जगह पर अपना बलिदान दिया है। उन्होंने आगे कह कि उन्हें गर्व है कि बीएसएफ इसमें अग्रणी है। साथ ही शाह ने सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी जवानों को देश की तरफ से श्रद्धांजलि दी और कहा कि आज दुनिया का सबसे बड़ा सीमाओं की रक्षा करने वाला बल बीएसएफ ही है।
सीमाओं की रक्षा करने वाला सबसे बड़ा बल BSF- शाह
शाह ने कहा कि 35 हजार से ज्यादा जवानों ने अलग-अलग जगह पर बलिदान दिए हैं। इसमें बीएसएफ सबसे आगे हैं इसलिए सभी की तरफ से श्रद्धांजलि देता हूं। सीमा सुरक्षा बल का गौरव पूर्ण इतिहास है। शाह ने कहा कि सेना और सीमा सुरक्षा बल ने लौंगेवाला में एक पूरी टैंक की बटालियन को खदेड़ दिया था, जो आज भी ट्रेनिंग सेंटरों में सिखाया जाता है।