कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने सब कुछ बेच दिया है।
सरकार ने सबकुछ बेच दिया- राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मंगलवार को केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर युवाओं के हाथों से रोजगार छीनने और सब कुछ बेच देने का आरोप लगाया। राष्ट्रीय मौद्रीकरण योजना को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर जमकर निशाना साधा। सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने सब कुछ बेच दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने युवाओं के हाथों से रोजगार छीन लिया।
हम गुलामी की ओर बढ़ रहे हैं- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना में सरकार ने कोई मदद नहीं की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी अपने मित्रों की मदद कर रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, “सड़क मार्ग, रेलवे, बिजली क्षेत्र, पेट्रोलियम पाइप लाइन, टेलिकॉम, वेयरहाउसिंग, खनन, एयरपोर्ट, पोर्ट, स्टेडियम ये सब किसको जा रहा है? इन सबको बनाने में 70 साल लगे हैं। उन्होंने कहा कि ये तीन-चार लोगों को दिया जा रहा है, आपका भविष्य बेचा जा रहा है। तीन-चार लोगों को तोहफे में दिया जा रहा है। उन्होंने आंकड़ों का जिक्र करते हुए दावा किया कि सरकार ने 400 स्टेशन, 150 ट्रेनें, पावर ट्रांसमिशन का नेटवर्क, पेट्रोलियम का नेटवर्क, सरकारी गोदामों, 25 एयरपोर्ट और 160 कोयला खदानों को बेच दिया। उन्होंने कहा कि हम गुलामी की ओर बढ़ रहे हैं।
हमारा निजीकरण तार्किक था- राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि वो निजीकरण के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि निजीकरण तार्किक था। घाटे वाली कंपनी का निजीकरण करते थे ना कि रेलवे जैसी महत्वपूर्ण विभाग की। अब निजीकरण मोनोपोली बनाने के लिए किया जा रहा है। मोनोपोली से रोजगार मिलना बंद हो जाएगा। इसके साथ ही राहुल गांधी ने कोरोना को लेकर भी सरकार पर जमकर हमला बोला।
लक्ष्य और पैमाना तय किए बिना लिया फैसला- चिदंबरम
इस दौरान पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भी सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि सरकार बिना किसी लक्ष्य और पैमाना तय किए इतना बड़ा फैसला कर लिया। किसी से चर्चा भी नहीं की गई। नीति आयोग में सब कुछ तय हो गया। इस कार्यवाही के बाद सार्वजनिक क्षेत्र नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इससे 6 लाख करोड़ जुटाने की बात कही है। जबकि प्रधानमंत्री ने बीते तीन स्वतंत्रता दिवस को 100 लाख करोड़ के इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन की घोषणा कर चुके हैं।