राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक नागरिक अलंकरण समारोह के दौरान योग में उत्कृष्ट योगदान देने वाले 125 वर्षीय स्वामी शिवानंद को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया।
योग गुरु के सामने नतमस्तक हुए पीएम मोदी
125 वर्षीय योगगुरु स्वामी शिवानंद समेत कई दिग्गज गुमनाम नायकों को पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया। स्वामी शिवानंद पुरस्कार लेने सामान्य धोती कुर्ता और नंगे पाव मंच पर आगे बढ़े। स्वामी शिवानंद को सम्मानित किए जाने पर लोगों ने जमकर तालियां बजाई। वही स्वामी शिवानंद जी ने पीएम मोदी का अभिवादन करने के लिए घुटनों के बल झुके। इस पर पीएम मोदी भी योग गुरु के सम्मान में झुके और जमीन को स्पर्श किया।
काशी से संबंध रखते हैं स्वामी शिवानंद
125 वर्षीय योग गुरु स्वामी शिवानंद काशी से संबंध रखते हैं। ऐसे में योगगुरु के सम्मान में दुर्गाकुंड स्थित स्वामी शिवानंद आश्रम में उत्साह का माहौल है। स्वामी शिवानंद का कहना है कि इससे योग और भारतीय जीवन पद्धति को लेकर लोगों के मन में विश्वास और बढ़ेगा। मेरी जीवन शैली और योग की प्रेरणा से लोग का जीवन निरोगी बनेंगे।
प्राणायाम और योग स्वस्थ रहने की है कुंजी
स्वामी शिवानंद का जन्म 18 अगस्त 1896 में तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के पट्टामदई में हुआ था। स्वामी शिवानंद अभी तक योग, वेदांत और विभिन्न विषयों पर 296 पुस्तकें लिख चुके हैं। योग गुरु अपनी नियमित दिनचर्या को लेकर बेहद पाबंद हैं। सुबह 3:00 बजे उठते हैं स्नान नित्य क्रिया के बाद भगवान की भक्ति में लीन हो जाते हैं उनको किसी प्रकार का कोई रोग नहीं है। स्वामी जी कहते हैं योग प्राणायाम घरेलू औषधि का सेवन स्वस्थ रहने के लिए कुंजी है।
पद्मश्री पुरस्कार की 3 श्रेणियां
पद्मश्री पुरस्कार को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। पद्म विभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री। यह सभी पुरस्कार कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामलों, विज्ञान, इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग चिकित्सा, साहित्य, खेल, सिविल सेवा आदि जैसे विभिन्न विषयों व गतिविधियों के क्षेत्र में प्रदान किए जाते हैं।