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68 साल बाद फिर एयर इंडिया अपने पुराने मालिक टाटा के पास पहुंच जाएगी, जानिए, टाटा से कैसे भारत सरकार के पास पहुंची थी एयर इंडिया?

air india 1563279664 1580973423 68 साल बाद फिर एयर इंडिया अपने पुराने मालिक टाटा के पास पहुंच जाएगी, जानिए, टाटा से कैसे भारत सरकार के पास पहुंची थी एयर इंडिया?

सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया के टाटा संस की ओर से खरीदे जाने की खबरें आने के बाद सरकार की ओर से साफ कर दिया गया कि ये खबरें गलत हैं। जब फैसला होगा तो बता दिया जाएगा। लेकिन खबरें हैं कि अंत आखिर एयर इंडिया को टाटा के पास ही जाना है। अगर ऐसा होता है तो 68 साल बाद टाटा फिर से एयर इंडिया का मालिक हो जाएगा। एयर इंडिया और टाटा के बीच के कनेक्शन को जानने के लिए ये रिपोर्ट पढ़िए।

68 साल बाद फिर एयर इंडिया अपने पुराने मालिक के पास जाएगी

सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया के टाटा संस की ओर से खरीदे जाने की खबरें आने के बाद सरकार की ओर से साफ कर दिया गया कि ये खबरें गलत हैं। जब फैसला होगा तो बता दिया जाएगा। लेकिन खबरें हैं कि अंत आखिर एयर इंडिया को टाटा के पास ही जाना है। अगर ऐसा होता है तो 68 साल बाद टाटा फिर से एयर इंडिया का मालिक हो जाएगा। जी हां. नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक सब कुछ बनाने वाले टाटा ग्रुप के हाथ में अब एयर इंडिया की कमान 68 सालों के बाद फिर से आने की खबरें हैं। 1953 में सरकार ने एयरलाइंस का राष्ट्रीयकरण किया था और टाटा कंपनी की एयर इंडिया का पूरा मालिकाना हक भारत सरकार के पास आ गया था। 68 साल तक एयर इंडिया के विमान उड़ाने के बाद सरकार अब फिर चाहती है कि टाटा जैसा कोई खरीदार मिले। एयर इंडिया को चलाना सरकार के लिए एक एक दिन मुश्किल हो रहा है।

एयर इंडिया 1953 में भारत सरकार के पास आ गई

दरअसल साल 1932 में 28 साल का नवयुवक जेआरडी टाटा जो भारत की उस टाटा फ़ैमली से आता था। जेआरडी और उसके दोस्त ने इंपीरियल एयरवेज़ का कॉन्ट्रैक्ट पूरा करने के वास्ते 2 लाख रुपए इन्वेस्ट करके ‘टाटा एयर मेल’नाम की कंपनी खोली। टाटा एयर मेल ने पहली उड़ान भरी 15 अक्टूबर 1932 को कराची से मुंबई तक। इसे उड़ाने वाले ख़ुद जेआरडी टाटा ही थे। शुरू में विमानों से मेल को इधर से उधर ले जाया गया। लेकिन फिर यात्रियों को भी ले जाने लगे। 1938 तक कंपनी का नाम टाटा एयरलाइंस हो गया और इसी साल इसने एक अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरी भारत से श्रीलंका। 29 जुलाई, 1946 को टाटा एयरलाइंस को पब्लिक कर दिया गया। इसके बाद कंपनी का नाम भी एयर इंडिया रख दिया गया। टाटा की ये एयर इंडिया 1953 में भारत सरकार के पास आ गई थी।

टाटा ने लगाई है 3000 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली!

बताया जा रहा है कि टाटा संस ने 15 सितंबर को एयर इंडिया को खरीदने के लिए अपनी फाइनल बोली लगाई थी। हालांकि, अभी इसकी कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो टाटा संस ने एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिए सबसे ऊंची बोली लगाई है। यह खबर उस रिपोर्ट के अगले ही दिन आ गई है, जिसमें कहा गया था कि सरकार ने एयरलाइन के लिए मिनिमम रिजर्व प्राइस फाइनल कर लिया है। बताया जा रहा है कि टाटा संस ने एयर इंडिया के लिए 3000 करोड़ रुपये की बोली लगाई है, जो सरकार की तरफ से तय किए गए मिनिमम रिजर्व प्राइस से अधिक है।

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